जिम्बाब्वे में टीम इंडिया की मौज ही मौज, सीरीज जीतने के साथ ही मिला दिग्गज खिलाड़ी का रिप्लेसमेंट

टीम इंडिया ने जिम्बाब्वे दौरे पर टी20 सीरीज का अंत एक और बेहतरीन जीत के साथ किया. टीम इंडिया को सीरीज के पहले ही मैच में चौंकाने वाली हार झेलनी पड़ी थी लेकिन इसके बाद जो वापसी हुई, वो दमदार थी. भारतीय टीम ने लगातार अगले चार मैच जीतकर सीरीज पर कब्जा किया. ये जीत इसलिए खास थी क्योंकि टीम में लगभग सारे ही खिलाड़ी या तो कम अनुभवी थे या फिर बिल्कुल नए थे. सामने भले ही जिम्बाब्वे की टीम थी, जो ज्यादा मजबूत नहीं थी, फिर भी जिस अंदाज में टीम ने ये मैच जीते, वो बेहद खास थे. इन सबके बीच टीम इंडिया के लिए सबसे अच्छी खबर उस खिलाड़ी के रूप में आई है, जो आने वाले वक्त में इस फॉर्मेट में नियमित सदस्य बन जाएगा.
अगर आप सोच रहे हैं कि ये खिलाड़ी अभिषेक शर्मा हैं, जिन्होंने अपने दूसरे ही मैच में जबरदस्त शतक जमाया था, तो जवाब है नहीं. अगर आप सोच रहे हैं कि ये खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल हैं, तो वो भी नहीं हैं क्योंकि यशस्वी पहले से ही टी20 टीम का हिस्सा बन चुके हैं. मुकेश कुमार एक दावेदार हैं लेकिन यहां उनकी बात भी नहीं हो रही है. ये खिलाड़ी हैं ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर, जिन्होंने इस सीरीज में वो कमाल दिखाया, जिसकी उम्मीद उनसे लंबे समय से थी और जिसकी जरूरत अब टीम इंडिया को आने वाले वक्त में होगी.
प्लेयर ऑफ द सीरीज
ये सीरीज जितनी अहम अभिषेक शर्मा, रियान पराग, शुभमन गिल, ऋतुराज गायकवाड़ के लिए थी, उतनी ही अहम सुंदर के लिए भी थी. शायद ज्यादा अहम थी, क्योंकि इस स्पिन-ऑलराउंडर का अच्छा प्रदर्शन टीम इंडिया के लिए भी बहुत जरूरी था. सुंदर ने करीब 7 साल पहले इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था और उसके बाद से उन्हें भविष्य की टीम इंडिया का सदस्य बताया जाता रहा लेकिन कभी फिटनेस तो कभी दूसरे खिलाड़ियों की मौजूदगी के कारण उन्हें लगातार मौके नहीं मिल सके. अब लिमिटेड ओवर्स में ऑफ स्पिन डिपार्टमेंट में रविचंद्रन अश्विन के विकल्प के रूप में टीम इंडिया के सामने वही सबसे बेहतर और काबिल विकल्प हैं, ऐसे में उनका अच्छा करना टीम के लिए जरूरी है.
सुंदर ने निराश भी नहीं किया. कम से कम बॉलिंग के मामले में तो उन्होंने वही किया, जिसकी अपेक्षा थी. सुंदर ने सीरीज में 11.62 की औसत से सबसे ज्यादा 8 विकेट हासिल किए, जबकि इकॉनमी रेट भी सिर्फ 5.16 का था. हालांकि बैटिंग में उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले और पहले मैच में जीत दिलाने में नाकामी थोड़ा परेशान करने वाली थी लेकिन इस मोर्चे पर वो खुद को बेहतर कर सकते हैं, जो लगातार खेलने के साथ होता जाएगा. खास बात ये है कि टी20 और वनडे फॉर्मेट में वो टीम में स्पिन-ऑलराउंडर की जगह भर सकते हैं जो रवींद्र जडेजा के जाने से खाली हुई है.
अब लेंगे जडेजा की जगह
टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया पर इस बात को लेकर सवाल उठे थे कि क्यों रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल को एक साथ प्लेइंग इलेवन में उतारा जा रहा है जबकि दोनों एक ही तरह के ऑलराउंडर हैं. उस वक्त ये टीम इंडिया की मजबूरी थी क्योंकि ऑफ स्पिन-ऑलराउंडर का विकल्प तैयार नहीं था. सुंदर की आईपीएल फॉर्म अच्छी नहीं थी और उन पर सीधे भरोसा नहीं किया जा सकता था. अब इस प्रदर्शन के साथ न सिर्फ सुंदर ने दावा ठोका है, बल्कि कुछ भरोसा भी जीता ही है.

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