जिस डील से रुक सकता था ईरान-इजराइल युद्ध…उसी पर गहराया संकट, अब क्या करेगा ईरान?

गाजा में सीज़फायर की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है, हमास ने कल दोहा में होने वाली बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है. हमास ने कहा है कि गुरुवार को दोहा में होने वाली बैठक में उनका प्रतिनिधिमंडल शामिल नहीं होगा.
दरअसल अमेरिका और उसके सहयोगियों समेत कई देश इस कोशिश में जुटे थे कि हमास और इजराइल को एक बार फिर बातचीत की टेबल पर साथ लाया जाए और जल्द से जल्द गाजा में युद्धविराम और इजराइली बंधकों की रिहाई की डील फाइनल हो.
बैठक में शामिल नहीं होगा हमास
लेकिन लेबनान के अल-मायादीन टीवी ने बुधवार को हमास के एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि हमास सीजफायर डील की बैठक में हिस्सा नहीं लेगा. हमास की ओर से कहा जा रहा है कि वह दोहा में नए तरीके से बातचीत को तब तक स्वीकार नहीं करेगा जब तक इजराइल 2 जुलाई को पेश किए गए प्रस्तावों का पालन नहीं करता. हमास की कहा गया है कि इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस बातचीत के लिए नई शर्तें रखी हैं, जो उसे स्वीकार नहीं है.
इससे पहले न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने जानकारी दी थी कि अगर गाजा में सीजफायर होता है तो यह ईरान को इजराइल पर हमला करने से रोक सकता है. रॉयटर्स ने यह दावा ईरान के 3 अधिकारियों के हवाले से किया था. वहीं ऐसे में हमास का बैठक में शामिल होने से इनकार करना बड़ा झटका माना जा सकता है.
इजराइल पर हमला क्यों करना चाहता है ईरान
31 जुलाई को हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया की ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या कर दी गई. इस हत्या को लेकर ईरान ने इजराइल पर आरोप लगाया है और बदला लेने की भी बात कही थी. बताया जा रहा है कि ईरान की सेना मिलिट्री ड्रिल कर रही है, यह ड्रिल वैसी ही बताई जा रही है जैसा उसने अप्रैल में इजराइल पर हमला करने से पहले की थी. गाजा में संघर्षविराम ही एकमात्र ऐसी तरकीब मानी जा रही थी जो ईरान के गुस्से को कम कर सकती है. लेकिन जब हमास ने इस बैठक में शामिल होने से ही इनकार कर दिया तो आने वाले दिनों में सीजफायर की उम्मीद कम ही नजर आती है.

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