जिस देश में मची गाजा जैसी तबाही क्या वहां गृह युद्ध को हवा दे रहा यूएई?

दुनिया के कई हिस्सों में इस समय जंग चल रही है. करीब 3 साल से यूक्रेन और रूस एक दूसरे से लड़ रहे हैं और गाजा में भी पिछले 11 महीने से इजराइल के हमले जारी हैं. अक्सर आरोप लगता है कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे ताकतवर पश्चिमी देश अपने निजी फायदे के लिए अन्य देशों में जंग को हवा देते हैं. सीरिया, लीबिया, इराक और अफगानिस्तान जैसे देशों में ऐसा देखा भी गया है, लेकिन अफ्रीका के देश सूडान में तस्वीर अलग है. सूडान में पिछले 17 महीने से चल रहे गृह युद्ध को हवा देने के पीछे अरब देश UAE का नाम सामने आया है.
सूडान सरकार ने बुधवार को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पर आरोप लगाया कि वह सूडान की पैरामिलिटरी फोर्स रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) को हथियार, मिसाइलें और एम्युनेशन दे रहे हैं, जिसकी वजह से 2023 से चली आ रहा जंग लंबी होती जा रही है.
सूडान सरकार ने ये आरोप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद लगाया है, जहां काउंसिल के 15 मेंबर्स ने सूडान के पश्चिमी दारफुर क्षेत्र में आर्म्स एम्बार्गो (प्रतिबंध) को 12 सितंबर 2025 तक बढ़ा दिया है.
फोटो- AFP
UAE पर लगाए गंभीर आरोप
सूडान में पिछले 17 महीनों से देश की सेना और पैरामिलिट्री बलों के बीच संघर्ष चल रहा है. सूडान के राजदूत अल-हरिथ मोहम्मद ने आरोप लगाया कि UAE RSF को भारी मात्रा में हथियार दे रहा है. सबूत के तौर पर उन्होंने हाल ही में चाड से होकर RSF को भेजे गए हथियारों के शिपमेंट का हवाला दिया. अल-हरिथ ने कहा कि मानवीय सहायता के लिए चाड की सीमा फिर से खोली गई है, आद्रे सीमा का इस्तेमाल RSF को हथियार पहुंचाने के लिए किया जा रहा है.
सोने का लालच
उन्होंने यह भी दावा किया कि यूरोपीय बुलियन बाजार ने खुलासा किया है कि UAE सूडानी सोने से मुनाफा कमा रहा है. सूडान ने पहले भी आरोप लगाया है कि UAE जंग के बीच सूडानी सोने की अवैध स्मगलिंग कर रहा है. राजदूत अल-हरिथ मोहम्मद ने संयुक्त राष्ट्र से RAF और उसका समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
UAE ने आरोपों को किया खारिज
UAE ने इन आरोपों को पूरी तरह ‘झूठा और बेतुका’ बताते हुए कहा कि सूडान सरकार शांति वार्ता से पीछे हट रही है. UAE के राजदूत मोहम्मद अबु-शहाब ने कहा कि सूडान की सेना में राजनीतिक साहस की कमी है और उसने खाने को युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है.
उन्होंने कहा कि सूडान की सेना को शांति वार्ता में शामिल होना चाहिए. पिछले महीने जेनेवा में हुई शांति वार्ता में सूडान सेना ने हिस्सा नहीं लिया था. सूडान सेना के चीफ अब्देल फतेह अल-बुरहान ने कहा था कि वे 100 साल तक भी लड़ाई लड़ेंगे और जेनेवा वार्ता को RSF और उसके सहयोगी देशों के गुनाहों पर पर्दा डालने वाला बताया था.
सूडान में युद्ध से बुरा हाल
सूडान में सेना और पैरामिलिट्री फोर्स के बीच सत्ता को लेकर अप्रैल 2023 में संघर्ष शुरू हुआ. जिसमे देखते ही देखते UAE, लीबिया सेना, वैगनर ग्रुप, चैड और मिस्र जैसे देश भी अपने हितों के लिए सक्रिय हो गए. इस युद्ध से सूडान के आम नागरिकों को बड़ा नुकसान हुआ है और स्थिति दयनीय बनी हुई है. 13 मिलियन से ज्यादा लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं और मानवीय संकट गहरा होता जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के चीफ ने रविवार को कहा कि इस युद्ध में 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. यानी जहां गाजा में इजराइल के हमलों से 40 हजार मौतें हुई हैं, वहीं सूडान में गृहयुद्ध के कारण 20 हजार मौतें हो गई हैं. भुखमरी का संकट यहां गाजा से भी ज्यादा भयावह है.

संयुक्त राष्ट्र ने जुलाई में बताया था कि 25.6 मिलियन लोग खाने की कमी का सामना कर रहे हैं और विस्थापित लोगों के लिए बने कैंपों में भी खाने की कमी है. कुछ देशों और संगठनों ने पूरी सूडान में हथियारों के प्रतिबंध की मांग की, वहीं ब्रिटेन के उप राजदूत जेम्स करीउकी ने परिषद से कहा, “देशों को किसी भी पक्ष की लड़ाई में ताकत बढ़ाने से बचना चाहिए और दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता के लिए अपनी भूमिका निभानी चाहिए.”

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