ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की टेलीकॉम कंपनियों के साथ बैठक, एजीआर का उठा मुद्दा

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को टेलीकॉम कंपनियों के साथ बैठक की. इसमें आकाश अंबानी, राजन भारती मित्तल और वोडाफोन आइडिया के सीईओ अक्षय मुंद्रा शामिल हुए. बैठक में टेलीकॉम कंपनियां ने एजीआर का मुद्दा उठाया. सरकार के सामने मांग रखी कि टेलीकॉम विभाग एजीआर के जमा- जोड़ (अंकगणितीय) संबंधी गलतियों का सुधार करे.
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एजीआर पर क्यूरेटिव याचिका को खारिज किया था. कोर्ट के आदेश के बाद राहत की मांग लेकर टेलीकॉम कंपनियां सरकार के पास पहुंचीं. सूत्रों का कहना है कि सरकार कंपनियों की मांग पर विचार करेगी. सोमवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि अभी हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गौर रहे हैं.
मंत्रालय दूरसंचार कंपनी के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेगा
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को कहा था कि दूरसंचार कंपनियों ने पिछले दो वित्त वर्षों में 4-जी और 5-जी में जाने के लिए 4.56 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च किया है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय 4-जी सेवाएं शुरू करने की समय सीमा और कारोबारी रणनीति के बारे में सरकारी दूरसंचार कंपनी के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेगा.
सिंधिया ने कहा कि पिछले 10 साल में वॉयस कॉल की दरें 94 प्रतिशत घटी हैं, जो कि 51 पैसे प्रति मिनट से 3.5 पैसे रह गई हैं. इसके साथ ही एक जीबी इंटरनेट डाटा की कीमत 97 प्रतिशत घटकर 297 रुपये प्रति जीबी से 8.75 पैसे रह गई है. मोबाइल सेवाओं पर शुल्क बढ़ोतरी के प्रभाव पर सिंधिया ने कहा, 3-जी से 4-जी और 4-जी से 5-जी की ओर बढ़ते हुए कंपनियों ने पिछले दो वित्त वर्षों में 4.26 लाख करोड़ रुपये से अधिक का खर्च किया है.
एनडीए सरकार 10 साल के कार्यकाल में कनेक्टिविटी बढ़ी
उन्होंने कहा, अगर आप अधिक निवेश करते हैं तो आपको लाभ जरूर मिलेगा. एनडीए सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में कनेक्टिविटी बढ़ी है. वहीं, शुल्क में भारी कमी आई है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा एजीआर (समायोजित सकल राजस्व) पर वीआईएल की याचिका खारिज किए जाने के बाद दूरसंचार क्षेत्र की वित्तीय स्थिति के बारे में सिंधिया ने कहा कि चार कंपनियों के साथ यह क्षेत्र बेहद मजबूत है.
उन्होंने कहा कि देश विश्वस्तर पर छठा देश बन गया है, जिसने अपनी 4-जी प्रौद्योगिकी स्थापित की है. जुलाई में सभी निजी कंपनियों ने शुल्क वृद्धि की थी. इसके बाद बीएसएनएल के ग्राहकों की संख्या में 29.47 लाख से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. जबकि निजी दूरसंचार कंपनियों जैसे कि एयरटेल, वीआईएल और जियो ने 38.65 लाख मोबाइल ग्राहक खो दिए हैं.

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