ज्वाइंट बैंक अकाउंट और नॉमिनेशन पर सरकार का बड़ा फैसला, दे दी ये बड़ी हिदायत

वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि ज्वाइंट अकाउंट और नॉमिनेशन को लेकर बड़ा फैसला दे दिया है. मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों के लिए ज्वाइंट बैंक अकाउंट खोलने और समलैंगिक रिश्ते में रहने वाले व्यक्ति को नॉमिनेशन में रखने पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
वित्त मंत्रालय ने 28 अगस्त को परामर्श जारी कर कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि समलैंगिक समुदाय के व्यक्तियों के लिए ज्वाइंट बैंक अकाउंट तथा समलैंगिक संबंध वाले किसी व्यक्ति को नामित करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. सरकार की ओर से ये एडवाइजरी पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के तहत की गई है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है.
सुप्रीम कोर्ट का ये था फैसला
मंत्रालय की ओर से लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर समुदाय (एलजीबीटी) के लिए यह सलाह 17 अक्टूबर, 2023 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के मद्देनजर जारी की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रिया चक्रवर्ती बनाम भारत सरकार (रिट याचिका संख्या 1011/2022) के केस में ये फैसला सुनाया था. वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग द्वारा जारी परामर्श में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 21 अगस्त, 2024 को सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को इस संबंध में स्पष्टीकरण भी जारी किया गया है.

Advisory regarding opening joint bank account and nomination thereof by persons of Queer community.#DFS_India pic.twitter.com/rf1ngKsPEa
— DFS (@DFS_India) August 29, 2024

आरबीआई भी कर चुका है स्पष्ट
आरबीआई ने 2015 में बैंकों को निर्देश दिया था कि वे अपने सभी फॉर्मों और आवेदनों में एक अलग कॉलम शामिल करें, ताकि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को बैंक खाते खोलने और संबंधित सेवाओं का लाभ उठाने में मदद मिल सके. साल 2015 के आदेश के बाद कई बैंकों ने ट्रांसजेंडरों के लिए सेवाएं शुरू की हैं. ईएसएएफ स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड ने 2022 में विशेष रूप से ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए रेनबो सेविंग्स अकाउंट शुरू किया. इसमें उच्च बचत दरों और उन्नत डेबिट कार्ड सुविधाओं सहित कई सुविधाएं प्रदान की गई थीं.

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