झारखंड में बीजेपी के ‘ऑपरेशन चंपई’ को कुंद करने के लिए हेमंत सोरेन का क्या है प्लान?

झारखंड में चुनावी साल में भारतीय जनता पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बीच शह और मात का खेल जारी है. बीजेपी के ‘ऑपरेशन चंपई’ को कुंद करने के लिए झामुमो ने विशेष प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत ही कोल्हान में पार्टी काम करेगी. बीजेपी हाल ही में झामुमो के कद्दावर नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को अपने पाले में लाई है.
81 सीटों वाली झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं, जहां झामुमो गठबंधन का बीजेपी नीत एनडीए से मुकाबला होना है.
ऑपरेशन चंपई को कुंद करने का प्लान
जेएमएम सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के ऑपरेशन चंपई सोरेन को कुंद करने का प्लान तैयार कर लिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी नेताओं को हिदायत दी है कि वे चंपई के खिलाफ तल्ख टिप्पणी नहीं करेंगे. नेताओं से कहा गया है कि चंपई के बयान पर सिर्फ उन्हें शुभकामनाएं देनी है.
जेएमएम कार्यालय में शुक्रवार को इसका नजारा भी देखने को मिला. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब भी चंपई या उनके बयान से जुड़ा सवाल पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य से पूछा तो वे सिर्फ शुभकामनाएं देते ही नजर आए.
जेएमएम के सोशल मीडिया हैंडल से भी चंपई को छोड़ बीजेपी पर निशाना साधा जा रहा है. चंपई पर हमला नहीं करने के साथ-साथ कोल्हान में दबदबा कायम रखने के लिए पार्टी ने 2 और रणनीति तैयार की है.
1. जेएमएम कोल्हान में मंत्री दीपक बिरुआ, मंत्री रामदास सोरेन और सांसद जोबा माझी को आगे करने की रणनीति पर काम कर रही है. तीनों ही नेता सिंहभूम में कद्दावर माने जाते हैं. साथ ही तीनों की राजनीति झारखंड आदोलन से शुरू हुई है.
2. 2024 में हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन जेएमएम से बागी होकर बीजेपी के टिकट पर दुमका से मैदान में उतरीं. पार्टी ने उस वक्त उन्हें हराने के लिए जमीन से जुड़े नलिन सोरेन को मैदान में उतार दिया. नलिन यह सीट जीतने में कामयाब हो गए.
जेएमएम के सूत्रों का कहना है कि 2019 को छोड़ दिया जाए तो चंपई की सरायकेला सीट से 800-3500 के वोट मार्जिन से ही जीतते रहे हैं. 2005 में उन्हें 885 वोटों से जीत मिली थी, जबकि 2014 में 1,115 वोटों से जीत हासिल कर सदन पहुंचे थे. ऐसे में वहां भी उलटफेर हो सकता है.
बड़े नेताओं का उदाहरण बताएगी पार्टी
झामुमो सूत्रों का कहना है कि पार्टी में पहले भी कई बड़े नेता बीजेपी में गए हैं, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए हैं. इनमें हेमलाल मुर्मू, स्टीफन मरांडी, सूरज मंडल, सीता सोरेन और जेपी पटेल का नाम प्रमुख हैं. बीजेपी में जाने के बाद इन नेताओं की या तो सियासी कश्ती डूब गई या वे उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाए, जहां पहले जेएमएम में थे.
सूत्रों का कहना है कि जेएमएम जमीन पर लोगों को यही उदाहरण चंपई को लेकर बताएगी.
कोल्हान में 14 सीटें, 13 अभी INDIA के पास
झारखंड का सिंहभूम, चाईबासा और जमशेदपुर कोल्हान इलाके में आता है. इस इलाके में विधानसभा की 14 सीटें हैं. 2019 में इन 14 में से 11 पर जेएमएम को और 2 पर कांग्रेस को जीत मिली थी. एक सीट पर निर्दलीय सरयू राय जीते थे.
सरकार का जब गठन हुआ तो हेमंत सोरेन ने कोल्हान के चंपई और जोबा माझी को कैबिनेट में बड़ा ओहदा दिया. 2024 के जनवरी तक दोनों हेमंत कैबिनेट में बने रहे. हेमंत के जेल जाने के बाद चंपई कैबिनेट में कोल्हान से जोबा को हटाकर दीपक बिरुआ को शामिल किया गया.
हालांकि, 2024 के चुनाव में जोबा को पार्टी ने सिंहभूम से टिकट दे दिया. वे यहां से जीतने में भी कामयाब रही.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *