टीम इंडिया से जिसे 2 मैच के बाद किया गया बाहर, वो अब कर रहा SBI में नौकरी, पाकिस्तान के खिलाफ किया था डेब्यू
भारतीय क्रिकेट में टैलेंट की कमी नहीं है. लेकिन, फिर भी कुछ ही खिलाड़ी होते हैं जो टीम इंडिया तक पहुंचते हैं. उसकी दहलीज को पार अंदर आते है. और, फिर उनमें से भी थोड़े होते हैं, जो टीम इंडिया के अंदर टिके होते हैं. हम जिस खिलाड़ी की बात करने जा रहे हैं, वो टीम इंडिया के अंदर आया तो जरूर, लेकिन 2 मैच खेलने के बाद ही बाहर कर दिया गया. और, एक बार जो बाहर हुआ तो फिर टीम में लौटा भी नहीं. हम बात कर रहे हैं ज्ञानेंद पांडेय की, जो गांगुली, द्रविड़ वाली टीम इंडिया का हिस्सा रह चुके हैं.
1999 में टीम इंडिया में आए ज्ञानेंद्र पांडेय
यूपी से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले ज्ञानेंद पांडेय ने 1988-89 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया था. 1997-98 में वो अपनी कप्तानी में यूपी को रणजी टॉफी के फाइनल में भी पहुंचा चुके हैं. इस दौरान उनका प्रदर्शन भी लाजवाब रहा था. बाएं हाथ के स्पिन ऑलराउंडर के उसी काबिलियत को देखते हुए उनका चयन 1999 में टीम इंडिया में हुआ.
पाकिस्तान के खिलाफ खेले दोनों मैच
श्रीलंका और पाकिस्तान के खिलाफ पेप्सी कप टूर्नामेंट के लिए 1999 में ज्ञानेंद पांडेय का टीम इंडिया में चयन हुआ था. उन्होंने अपना पहला मैच 24 मार्च 1999 को जयपुर में खेला था. इसके बाद उसी टूर्नामेंट में उन्होंने अपना दूसरा मैच भी पाकिस्तान के खिलाफ मोहाली में 1 अप्रैल 1999 को खेला. पेप्सी कप में खेले इन दो मैचों के बाद ज्ञानेंद्र पांडेय को टीम से बाहर कर दिया गया., जिसके बाद उन्हें फिर कभी टीम इंडिया में मौका नहीं मिला.
2 मैचों में बनाए सिर्फ 4 रन, कोई विकेट नहीं
इंटरनेशनल क्रिकेट में खेले अपने 2 मैचों में उन्होंने सिर्फ 4 रन बनाए. यानी उनका औसत सिर्फ 4 का रहा. ज्ञानेंद्र पांडेय टीम इंडिया में ऑलराउंडर की भूमिका में आए थे. लेकिन, 2 मैचों में उनका ऑलराउंड खेल बिल्कुल विफल रहा. बल्लेबाजी में विफल ज्ञानेंद्र पांडेय गेंद से भी विकेट ले पाने में नाकाम रहे थे.
अब बैंक में काम करते हैं ज्ञानेंद्र
फर्स्ट क्लास और लिस्ट ए मिलाकर ज्ञानेंद्र पांडेय ने घरेलू क्रिकेट में 199 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 254 विकेट लेने के अलावा 7000 से ज्यादा रन बनाए हैं. क्रिकेट छोड़ने के बाद ज्ञानेंद्र पाडेय कोचिंग में भी करियर आजमा चुके हैं. फिलहाल, वो SBI बैंक में PR एजेंट की नौकरी करते हैं.