टेलीग्राम CEO रिहा, क्या UAE के दबाव में आकर फ्रांस ने छोड़ा? जानिए क्यों उठ रहे सवाल

टेलीग्राम के CEO पावेल डुरोव को फ्रांस ने रिहा कर दिया है. फ्रांस के अधिकारियों ने बुधवार को डुरोव पर ऐप पर अवैध गतिविधियों से जुड़े 6 आरोप लगाए हैं. उन्हें 5 मिलियन यूरो की जमानत पर रिहा किया गया है. डुरोव को फ्रांस छोड़कर बाहर जाने पर मना किया गया है, साथ ही उन्हें हफ्ते में 2 बार पुलिस स्टेशन में पेश होना पड़ेगा. डुरोव पर आरोप है कि वह टेलीग्राम पर कंटेट मॉडरेट करने में नाकाम रहे हैं.
दावा किया जा रहा है कि UAE ने फ्रांस के साथ राफेल डील को निलंबित कर दिया है जिसके बाद टेलीग्राम CEO की रिहाई का फैसला लिया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक UAE की सरकार ने फ्रांस के साथ 80 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की डील की थी, जिसे डुरोव की गिरफ्तारी के बाद सस्पेंड कर दिया. दरअसल पावेल डुरोव का जन्म रूस में हुआ था लेकिन उनके पास फ्रांस और UAE की दोहरी नागरिकता है.
UAE ने किया था फ्रांस से संपर्क
पावेल डुरोव की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही UAE ने उन्हें कॉन्सुलर सहायता दिलाने के लिए फ्रांस के अधिकारियों से संपर्क किया था. वहीं रूस की सरकार ने भी इस पूरे मामले पर नज़र बनाए हुए थी. रूस की ओर से कहा गया था कि पावेल डुरोव की गिरफ्तारी की वजह का फ्रांस ने खुलासा नहीं किया है. रूस ने फ्रांस से पावेल डुरोव को कानूनी सहायता मुहैया कराने को कहा था.
डुरोव का जन्म रूस में हुआ था, उन्होंने 22 साल की उम्र में अपने भाई के साथ मिलकर टेलीग्राम बनाया. साल 2014 में रूस की सरकार ने उनसे नागरिकों का डाटा मांगा गया, जिसके बाद डुरोव रूस छोड़कर दुबई शिफ्ट हो गए. एसोसिएटेड प्रेस के एक आर्टिकल के अनुसार उन्होंने अब भी रूसी नागरिकता छोड़ी नहीं है.
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24 अगस्त को हुई थी गिरफ्तारी
24 अगस्त को उन्हें पेरिस एयरपोर्ट से हिरासत में लिया गया था, बताया जा रहा है कि वो अपने प्राइवेट जेट ये यहां पहुंचे थे. वहीं पावेल डुरोव की गिरफ्तारी को लेकर फ्रांस की मैक्रों सरकार पर आरोप लग रहे थे कि यह राजनीतिक वजहों से की गई है, वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कुछ दिन पहले ट्वीट कर इस तरह के दावों को खारिज किया था और कहा था कि यह कार्रवाई न्यायिक जांच का हिस्सा है. ऐसे में अब पावेल की रिहाई के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या फ्रांस ने राफेल डील की वजह से डुरोव को रिहा किया है? हालांकि डुरोव को फ्रांस में ही रहकर उन पर लगाए गए आरोपों के लिए अदालती कार्रवाई का सामना करना होगा.

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