टेस्ट क्रिकेट में ‘अपशकुन’ है ये स्कोर, इस पर ऑल आउट मतलब गेम ओवर, 21वीं सदी में अब तक कोई टीम नहीं जीती
हार को दावत देना. ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी. 21वीं सदी में टेस्ट क्रिकेट में ठीक यही हो रहा है, 556 रन के स्कोर पर ऑल आउट होने के साथ ही टीमों का गेम ओवर हो रहा है. मतलब उनकी जीत नहीं फिर हार ही होती है. यही वजह है कि इस सदी में टेस्ट क्रिकेट में 556 रन का आंकड़ा अपशकुन बन गया है. अब आप कहेंगे कि बिना उदाहरण हम कैसे मान लें? तो इसका सबसे ताजातरीन उदाहरण पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच खत्म हुआ मुल्तान टेस्ट है.
2024 में 556 रन बनाने के बाद हारा पाकिस्तान
मुल्तान टेस्ट में पाकिस्तान की पहली पारी 556 रन पर सिमटी. देखने को स्कोर बड़ा था. लेकिन फिर मैच का नतीजा क्या निकला? पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा. लेकिन, अगर आप सोच रहे हैं कि 556 रन के आंकड़े से जुड़ा बस यही एक उदाहरण है तो ऐसा नहीं. इससे पहले ऐसा 21वीं सदी में दो बार और हो चुका है.
2012 में 556 रन पर ऑल आउट होकर हारा बांग्लादेश
मुल्तान में खेले पाकिस्तान बनाम इंग्लैंड वाले टेस्ट से 12 साल पहले यानी साल 2012 में बांग्लादेश बनाम वेस्टइंडीज के मैच में भी ऐसा हो चुका है. तब बांग्लादेश की टीम 556 रन क् स्कोर पर ऑलआउट हुई थी और उसे हार का सामना करना पड़ा था.
2003 में ऑस्ट्रेलिया 556 रन पर ऑल आउट हुई और मैच हारी
साल 2003 में ऑस्ट्रेलिया को भी ऐसे ही वाक्ये से गुजरना पड़ा था. तब उसे 556 रन बनाने के बाद भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. ये 556 रन का स्कोर बनाने के बाद हार झेलने वाली टीम से जुड़ी 21 वीं सदी की पहली घटना थी.
556 रन मतलब हार को दावत!
जिस तरह से 21वीं सदी में अब तक जब-जब टीमें 556 रन का स्कोर बनाने के बाद हारती दिखी हैं, उससे ये कहना गलत नहीं होगा कि टेस्ट में ये आंकड़ा अपशकुन से कम नहीं है, जिस पर ऑल आउट हो जाने का मतलब है हार को गले लगा लेना.