टैक्सपेयर्स को IT डिपार्टमेंट धड़ाधड़ भेज रहा नोटिस, कहीं आपने तो फाइलिंग में नहीं कर दी ये गलती, ऐसे कर सकते हैं बचाव

इस समय कई ऐसे टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म के रिजेक्ट होने की समस्या का सामना कर रहे हैं. जबकि कुछ आईटी डिपार्टमेंट की तरह से आए नोटिस की वजह से परेशान है. अगर आपको भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के तरफ से नोटिस आया है तो आपको ये खबर पढ़ लेनी चाहिए. इसमें हम आपको उन सभी सवालों का जवाब देने वाले हैं.
अगर आप आईटीआर फाइल करते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आप किस फॉर्म के लिए एलिजिबल हैं. अगर आप गलत फॉर्म का चुनाव करते हैं तब भी आपको नोटिस आ सकता है या फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है. इसलिए चलिए पहले यह जान लेते हैं कि कौन सा फॉर्म किसके लिए जरूरी है.

ITR-1: ये फॉर्म उन लोगों के लिए है जो सैलरीड पर्सन है, उनकी एक संपत्ति है और अन्य स्रोतों (ब्याज, आदि) से 50 लाख रुपए तक की आय रखते हैं.
ITR-2: ऐसे व्यक्ति और HUF जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से नहीं है वे इस फॉर्म का चुनाव करेंगे.
ITR-3: जिनकी आय किसी मालिकाना व्यवसाय या पेशे से आती है, ऐसे लोगों और HUF के लिए आईटीआर 3 दाखिल करते हैं.
ITR-4: व्यवसाय या पेशे से अनुमानित आय के लिए इस फॉर्म का चुनाव किया जाता है.

फाइल करते वक्त रखें इसका ध्यान
आईटीआर फाइल करने के लिए टैक्सपेयर्स के पास सभी जरूरी दस्तावेज होने जरूरी है. इसमें सबसे खास है फॉर्म 16. यह आपके नियोक्ता या कंपनी की ओर से जारी किया जाता है, इसमें आपके वेतन और काटे गए टैक्स का विवरण होता है. इसके अलावा पैन कार्ड भी जरूरी होता है, इसके बिना आप आईटीआर दाखिल नहीं कर सकते हैं. ब्याज आय और अन्य वित्तीय लेनदेन का हिसाब रखने के लिए बैंक स्टेटमेंट का होना भी जरूरी है. इसके अलावा टैक्स बचाने के लिए निवेश से संबंधित दस्तावेज़ जैसे पीपीएफ, एनएससी, ईएलएसएस के कागज अपने पास रखें. अन्य आय स्रोतों से हुई कमाई पर टैक्स कटौती के प्रमाण के तौर पर टीडीएस प्रमाणपत्र साथ रखें. आईटीआर भरने में फॉर्म 26एएस भी बेहद जरूरी है. यह वार्षिक कर विवरण है जो आपकी ओर से किए गए टैक्स भुगतान और कटौती को दर्शाता है. यह फॉर्म आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध होता है जिसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है.
ई-फाइलिंग पोर्टल पर करें रजिस्टर
जो लोग पहली बार आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं उन्हें सबसे पहले ई-फाइलिंग पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करना चाहिए. इसके लिए आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं. यहां रजिस्टर विकल्प पर जाएं. इसके बाद टैक्सपेयर को सिलेक्ट करें, अब अपना पैन कार्ड डिटेल्स भरें और सत्यापित करें. इसके बाद अपनी पर्सनल जानकारी जैसे नाम, पता, जेंडर आदि की जानकारी दें. अब अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भरें. इसके आगे की प्रक्रिया के तहत आपके मोबाइल नंबर और ईमेल पर एक ओटीपी आएगा, जिसे दर्ज करें. अब अपना पासवर्ड सेट करें और लॉगइन करें. अब खुद को रजिस्टर्ड करें. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होते ही आपको मैसेज के जरिए सूचना दी जाएगी.
कटौती का दावा करें
आयकर अधिनियम के तहत टैक्स फाइलिंग में कई तरह की छूट भी मिलती है. इससे आप अपने टैक्सेबल इनकम को कम करने में मदद कर सकते हैं. इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक धारा 80C के तहत PPF, EPF, NSC, जीवन बीमा आदि में 1.5 लाख रुपए तक के निवेश के लिए कटौती का प्रावधान है. वहीं धारा 80D में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए कटौती का लाभ मिलता है. इसके अलावा धारा 80TTA में बचत खातों पर ₹10,000 तक के ब्याज के लिए कटौती का लाभ लिया जा सकता है. धारा 24(b) के जरिए होम लोन के ब्याज के लिए 2 लाख रुपए तक की कटौती का फायदा मिलता है.
ई-वेरिफिकेशन भी है जरूरी
आईटीआर फाइल करने के बाद इसका ई-वेरिफिकेशन जरूरी होता है. क्योंकि आईटीआर भरने के बाद अगर उसे वेरिफाई नहीं किया जाए तो इसे अमान्य घोषित कर दिया जाएगा. टैक्सपेयर्स अपना आईटीआर EVC यानी इलेक्ट्रिॉनिक वेरिफिकेशन कोड ऑप्शन के जरिए ई-वेरिफाई कर सकते हैं. अगर आप आईटीआर फाइल करने के बाद उसे ई-वेरिफाई नहीं करते हैं तब भी आपको नोटिस आ सकता है.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *