टॉयलेट सीट पर कितना होना चाहिए स्क्रीन टाइम, ज्यादा या कम होने पर होगा ये नुकसान

टॉयलेट सीट पर स्क्रीन टाइम (मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप आदि का उपयोग) बढ़ता जा रहा है, और यह आदत कई लोगों के लिए एक रूटीन बन गई है. हालांकि, यह आदत स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है. आइए जानते हैं कि टॉयलेट सीट पर स्क्रीन टाइम कितना होना चाहिए और इसका ज्यादा या कम होने पर क्या नुकसान हो सकते हैं.
टॉयलेट सीट पर स्क्रीन टाइम कितना होना चाहिए?
इसे जितना हो सके, सीमित रखना चाहिए. टॉयलेट एक ऐसा स्थान है जहां आपको सिर्फ अपने शरीर की जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि स्क्रीन पर. आदर्श रूप से, आपको वहां स्क्रीन का उपयोग नहीं करना चाहिए. यदि आप इसका उपयोग करते हैं, तो उसे 5-10 मिनट के भीतर समाप्त करना सबसे अच्छा रहेगा.
स्क्रीन टाइम ज्यादा होने पर नुकसान
लंबे समय तक टॉयलेट सीट पर बैठने से निचले शरीर पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे हीमोरोइड्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं. टॉयलेट सीट पर लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आपकी गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे पीठ और गर्दन में दर्द हो सकता है. जब आप स्क्रीन में व्यस्त रहते हैं, तो मल त्याग पर ध्यान केंद्रित नहीं होता है, जिससे कब्ज जैसी समस्या हो सकती है. लंबे समय तक टॉयलेट में बैठने से वहां की स्वच्छता पर ध्यान नहीं रहता, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है .
स्क्रीन टाइम कम करने के फायदे

स्वास्थ्य बेहतर रहता है: टॉयलेट में ज्यादा समय न बिताने से आपके शरीर और मन दोनों को आराम मिलता है.
स्वच्छता बनी रहती है: कम समय बिताने से स्वच्छता बनी रहती है और संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है.

कुछ सुझाव

स्क्रीन को बाहर छोड़ दें: टॉयलेट में जाने से पहले ही मोबाइल या अन्य डिवाइस को बाहर छोड़ दें.
पढ़ने के लिए किताब या मैगज़ीन का उपयोग करें: अगर आपको पढ़ने की आदत है, तो डिजिटल डिवाइस की बजाय किताब या मैगज़ीन का उपयोग करें.
फोकस बढ़ाएं: टॉयलेट में केवल जरूरी काम करें और जल्दी से बाहर निकलें. इससे आपका समय बचेगा और स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा.

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