ट्रंप पर गोली चलाने वाले ने पहले ही बता दी थी अटैक की तारीख, कोड मैसेज का पता चला
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले के बाद हर दिन नया खुलासा हो रहा है. सभी सुविधाओं से लैस अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों का हमले को न रोक पाना अभी भी सवालों के घेरे में बना हुआ है. रैली स्थल के आसपास लगे कैमरों में शूटर को साफ देखा गया है, लेकिन फिर भी उसको किसी ने रोका नहीं. यही नहीं उसने ट्रंप पर हमले के संकेत कई हफ्ते पहले दे दिए थे. हमलावर ने एक गेमिंग वेबसाइट पर कोड के जरिए बताया था कि वे ट्रंप पर हमला करने जा रहा है.
हमले की जांच करने वाली एजेंसी के हाथ शूटर का लैपटॉप लगा है. जिसकी जांच में सामने आया है कि शूटर मैथ्यू क्रूक्स ने एक गेमिंग वेबसाइट पर लिखा था, “13 जुलाई को मेरा प्रीमियर होगा, देखना कैसा होता है.”
13 जुलाई को ही 20 साल के हमलावर ने ट्रंप पर एक के दौरान गोली चलाई. गोली ट्रंप के कान को छूते हुए गई और उन्हें किसी कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा.
कई दिन पहले से कर रहा था तैयारी
ट्रंप पर हमला करने के लिए थॉमस मैथ्यू क्रूक्स कई हफ्तों पहले से तैयारी कर रहा था. उसके लैपटॉप की सर्च हिस्ट्री में ट्रंप की रैली की लोकेशन और स्थान के बारे में भी पता किया गया था. हमलावर ने घर बैठे बैठे ट्रंप की रैली की पूरी लोकेशन की जानकारी हासिल कर ली थी. उसके हमले के अंदाज से लग रहा है कि उसने ट्रंप की रैली में तैनात होने वाले सुरक्षा घेरे पर भी पहले से नजर बनाए रखी थी. हमले के पीछे की वजह का अभी तक पता नहीं लग पाया है, लेकिन इस घटना ने अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों की पोल खोल दी है.
स्नाइपर्स को नजर नहीं आया हमलावर
चौंकाने वाली बात ये है कि जिस इमारत से हमलावर ने ट्रंप पर गोली चलाई उससे महज 100 मीटर दूर की इमारत पर सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर तैनात थे. चश्मदीदों का दावा है कि हमले से कुछ मिनट पहले हमलावर को देखा भी गया, लेकिन उसको रोकने के लिए सीक्रेट सर्विस एजेंट ने कोई कदम नहीं उठाया. हमलावर ने ट्रंप के ऊपर करीब 8 राउंड फायर किए, जिसमें एक गोली उनके कान को छू कर गुजरी और हमले में दो ट्रंप समर्थक घायल हुए और एक की मौत हो गई. हालांकि, फायरिंग के कुछ ही सेकंड बाद स्नाइपर ने हमलावर को ढेर कर दिया.