डिब्बाबंद जूस को आईसीएमआर ने कहा चीनी का घोल, क्या फलों का जूस है ज्यादा फायदेमंद?
अधिकतर लोग मानते हैं कि जूस पीना सेहत के लिए फायदेमंद है. घर पर जूस बनाने का समय नहीं होता तो बाहर जूस कॉर्नर पर पी लेते हैं. कुछ लोग डिब्बाबंद जूस पीना पसंद करते हैं. उनका मानना होता है कि यह जूस सेहत को अच्छा रखता है. ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि इन जूस के डिब्बों पर प्रचार भी इस तरह का किया जाता है है कि लोग इसको देखकर जूस पीने लगते हैं. खासतौर पर युवाओं और बच्चों में इसका शौक ज्यादा देखा जा रहा है, लेकिन अब आईसीएमआर ने पैकेट वाले जूस को सेहत लिए अच्छा नहीं बताया है.
आईसीएमआर ने कहा है पैकेटबंद जूस में फलों का रस नहीं होता. इसमें कई तरह के आर्टिफिशियल फ्लेवर को मिलाया जाता है. इसके अलावा इनमें बहुत सारी चीनी हो सकती है. जो सेहत को नुकसान पहुंचाती है. ये कई बीमारियों का कारण बन सकती है. आईसीएमआर के इस दावे के बाद बहुत से लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि डिब्बाबंद जूस पीना क्यों खतरनाक है और क्या इसकी जगह फलों का जूस पीना चाहिए? आइए इस बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं.
कौनसा जूस है फायदेमंद?
स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ डॉ. अंशुमान कुमार बताते हैं कि डिब्बाबंद जूस एक तरह का महंगा जहर है. ये शरीर के लिए कई तरह से खतरनाक है. डिब्बाबंद जूस पीने से शरीर में फ्रुकटोज की मात्रा बढ़ जाती है. इससे लिवर खराब होता है. इसके अलावा ये टाइप-2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज, डिमेंशिया और कैंसर तक का भी कारण बन सकता है.
डॉ. अंशुमान बताते हैं कि डिब्बाबंद जूस ही नहीं सामान्य फलों का जूस भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब फलों का जूस बनाते हैं तो उसमें से फाइबर निकल जाता है और केवल फ्रुक्टोज बचता है. यह फ्रूक्टोस भी लिवर को खराब करता है और फैटी लिवर का कारण बन सकता है. फलों का जूस पीने से शरीर में शुगर लेवल भी अचानक से बढ़ सकता है. ऐसे में फलों का जूस भी सीमित मात्रा में ही पीना चाहिए.
जूस की जगह खाएं फल
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के पूर्व डायरेक्टर डॉ. सुभाष गिरी बताते हैं कि जूस पीने की तुलना में फल खाना ज्यादा फायदेमंद होता है. कुछ जूस ऐसे हैं जो तेजी से शुगर लेवल बढ़ा सकते हैं. जैसे की केले और आम का जूस डायबिटीज मरीजों के लिए अच्छा नहीं है.
इसी तरह संतरे का जूस पीने से शुगर लेवल बढ़ सकता है, लेकिन अगर सिर्फ संतरा खाते हैं तो इससे शुगर के बढ़ने का रिस्क नहीं होता है. संतरे खाने से शरीर में फाइबर जाता है. जो पेट की सेहत के लिए अच्छा होता है, लेकिन जब आप इसका जूस बनाते हैं तो सारा फाइबर निकल जाता है. ऐसे में फाइबर की कमी आंतों के फंक्शन को खराब कर देती है.
पैकेट वाले फूड भी खतरनाक
आईसीएमआर ने कहा है कि पैकेट वाले फूड भी हेल्थ को कई तरह के नुकसान पहुंचाते हैं. इनको लंबे समय तक अच्छा रखने के ल लिए कई तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं. ये केमिकल शरीर में जाकर हेल्थ को बिगाड़ देते हैं. ऐसे में इनका सेवन नहीं करना चाहिए.
इस बारे में डॉ. अंशुमान कहते हैं कि पैकेट वाले खाने में न तो प्रोटीन होता है और न ही किसी तरह का विटामिन या मिनरल, लेकिन इनमें शुगर, फैट और सॉल्ट काफी मात्रा में होता है. जो डायबिटीज और हार्ट की बीमारियों का कारण बन सकता है. जो लोग इस तरह के भोजन को करते हैं उनमें दिल की बीमारियों का खतरा सामान्य व्यक्ति की तुलना में 20 फीसदी तक बढ़ जाता है. पैकेट वाला फूड कैंसर का भी कारण बन सकता है. ऐसे में लोगों को सलाह है कि इनका सेवन बिलकुल न करें.