डूबती नैया को जिसका सहारा उसने भी छोड़ा साथ, PAK को आर्थिक मदद से IMF का इंकार
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. आर्थिक मंदी, राजनीतिक अस्थिरता, लोन लेने के लिए और लेना पड़ रहा है. भुखमरी के कारण लोगों की जान जा रही है. महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तान को अब एक नया संकट झेलना पड़ा रहा है. डूबती नैया को जिसका सहारा था उसने भी मदद का हाथ वापस खींच लिया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को पैसा भी देने से इनकार कर दिया.
दरअसल, पाक पीएम शहबाज शरीफ ने IMF के सामने पैसों के लिए झोली फैलाई थी. आईएमएफ नेबेलआउट पैकेज के लिए पाकिस्तान के सामने कुछ शर्तें रखी थी, जिसको पाकिस्तान ने पूरा नहीं किया. जिसके कारण आर्थिक सुधारों की छानबीन करने आई IMF की टीम वापस वाशिंगटन लौट गई. अब ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद भी रुक सकती है.
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शर्ते पूरी न होने के कारण करार नहीं हुआ
जानकारी के मुताबिक IMF की टीम 10 मई को पाकिस्तान पहुंची थी. बेलआउट पैकेज के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत होनी थी, और करार पर हस्ताक्षर होने थे. क्योंकि पाकिस्तान ने अपने शर्ते पूरी नहीं की थी इसलिए, करार नहीं हो पाया. IMF की टीम ने कहा कि आर्थिक मदद हासिल करने के लिए पाकिस्तान के सामने जो शर्तें रखी गई थीं, वो पूरी नहीं हुई हैं. शर्तों की प्रगति की समीक्षा करने के बाद ही नए बेलआउट पैकेज पर चर्चा किया जाएगा.
क्या रखी थी शर्त?
IMF ने पाकिस्तान के सामने जो शर्ते रखीं थी उसमें रेवेन्यू जनरेशन के लिए टैक्स में सुधार, सामाजिक सुरक्षा में सुधार, बिजली की कीमतों में गिरावट करना, महंगाई पर काबू और सरकारी काम में सुधार की बात कही गई थी.
गौरतलब है कि IMF ने मदद का हाथ तब वापस खींच लिया है जब उसे पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत है. देश में आटा से लेकर रसोई गैस की किल्लत हो रही है. गरीबी रेखा के नीचे लोगों की संख्या बढ़ रहा है. पाकिस्तान सरकार के खिलाफ, इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं.