डेनमार्क पहुंचा इंडियन नेवी का INS तबर, जानें कितना ताकतवर है ये जहाज

भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस तबर दो दिन की यात्रा के लिए डेनमार्क पहुंच चुका है. कैप्टन एमआर हरीश की कमान में भारतीय नौसेना का फ्रंटलाइन स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस तबर दो दिवसीय यात्रा के लिए डेनमार्क के एस्बर्ज पहुंच गया है. आईएनएस तबर की ये यात्रा भारत और डेनमार्क के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इस यात्रा का मकसद दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच मौजूदा संबंधों को बढ़ाना है. एस्बर्ज बंदरगाह में ठहरने के दौरान जहाज का चालक दल सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित डेनिश सशस्त्र बलों के साथ विभिन्न द्विपक्षीय व्यावसायिक बातचीत में भी भाग लेगा.
भारतीय नौसेना दुनिया भर की नौसेनाओं के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. भारत और डेनमार्क रक्षा संबंधों सहित और भी कई क्षेत्रों में अच्छे डिप्लोमैटिक संबंध साझा करते हैं. जहाज के पहुंचने पर इंडियन-डेनमार्क नाम के एक ‘एक्स’ हैंडल पर भी पोस्ट किया गया. इसमे कहा गया कि डेनमार्क की सद्भावना यात्रा के तहत जहाज एस्बर्ज बंदरगाह पर पहुंच गया है. इसके साथ ही आगे लिखा गया कि इस अवसर भारत और डेनमार्क के बीच 75 साल की मजबूत दोस्ती का जश्न मना रहा है.

The majestic @IndianNavy ship #INSTabar has docked at the Port of Esbjerg, marking a goodwill visit to Denmark. This special occasion celebrates 75 years of strong friendship between India and Denmark. #IndiaDenmarkAt75 pic.twitter.com/2UQvHSRyuA
— IndiainDenmark (@IndiainDenmark) August 17, 2024

कितना ताकतवर आईएनएस तबर?
आईएनएस तबर हथियारों और सेंसर की एक बहुमुखी रेंज से लैस है. ये जहाज भारतीय नौसेना के शुरुआती स्टील्थ फ्रिगेट में से एक है. ये जहाज भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा है. ये पश्चिमी नौसेना कमान के तहत मुंबई में स्थित है. ये जहाज अबतक दो बार रूसी नौसेना दिवस परेड में भाग ले चुका है. इस जहाज की अधिकतम स्पीड 30 नॉट है. ये दुश्मन के सतही जहाजों और पनडुब्बियों के साथ-साथ हवाई टारगेट्स पर हमला करने में भी सक्षम है.
दोनों देशो में अच्छे संबंध
भारत और डेनमार्क के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत सितंबर 1949 में हुई. दोनों देशों के बीच कई समझौते और साझेदारियों को आगे बढ़ा रहें है. इस समझौते के तहत प्रमुख बिंदुओं में कोविड-19 महामारी से निपटना और जल संकट की स्थिति में सहयोग करना भी शामिल है. दोनो देशों के बीच ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप एक बड़ी साझेदारी है.

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