डोनर न होने से AIIMS में दो सप्ताह से नहीं हो पा रही थी मरीज की सर्जरी, मेडिकल स्टाफ बना मसीहा

AIIMS Delhi : कुछ दिनों पहले दिल्ली एम्स में एक मरीज को भर्ती कराया गया था. इस मरीज को स्प्लीन ( पेट में मौजूद तिल्ली) की समस्या थी. मरीज की स्प्लीन काफी बढ़ी हुई थी. इलाज के लिएउसकी सर्जरी की जानी थी. लेकिन उसके लिए काफी समय से डोनर नहीं मिल रहा था. डोनर के अभाव में सर्जरी नहीं हो पा रही थी. परिवार से भी कोई डोनर नहीं मिल पा रहा था. इस वजह से ऑपरेशन का समय बढ़ता जा रहा था.ऐसे में इस मरीज के जान बचाने के लिए एम्स और सफदरजंग अस्पताल का मेडिकल स्टाफ आगे आया. अस्पतालों के नर्सिंग ऑफिसरों ने इस मरीज को सिंगल डोनर प्लेटलेट्स दान की अब उसकी सर्जरी का प्रोसीजर आगे बढ़ गया है. आज मरीज की सर्जरी हो जाएगी.
एम्स में भर्ती 51 साल के बिरेंद्र को ए पॉजिटिव और ए निगेटिव ब्लड ग्रुप वाले सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की जरूरत थी, लेकिन उनके परिवार में इस ग्रुप का कोई डोनर नहीं था. इस वजह से मरीज की सर्जरी लगातार टल रही थी. सोमवार को भी जब मरीज सर्जरी के लिए भर्ती हुआ तो डोनर नहीं था. ऐसे में एम्स और सफदरजंग का मेडिकल स्टाफ मदद के लिए आगे आया.
सात लोग मदद के लिए आगे आए
एम्स के सीनियर नर्सिंग अधिकारी कनिष्क यादव ने बताया कि जब उन्हें जानकारी मिली की डोनर के अभाव में मरीज की सर्जरी नहीं हो पा रही है तो इस मामले में उन्होंने नर्सिंग ऑफिसरों के ग्रुप में ब्लड डोनर की रिक्वेवेस्ट डाली. इसके बाद एम्स और सफदरजंग अस्पताल का मेडिकल स्टाफ मदद के लिए आगे आया. एम्स के नर्सिंग ऑफिसर शशिकांत और सफदरजंग हॉस्पिटल के नर्सिंग ऑफिसर देवी सिंह ने अपनी स्क्रीनिंग कराई. स्क्रीनिंग में फिट साबित होने के बाद उन्होंने मरीज के लिए एसडीपी डोनेट किया और उसकी सर्जरी में आ रही बाधा को खत्म किया.
कनिष्क यादव ने बताया कि मरीज के मदद के लिए 5 स्वास्थ्य कर्मचारी और एक पुलिसकर्मी भी मदद के लिए आया था. कुछ समय में ही सात लोग डोनेशन के लिए तैयार हो गए थे. हालांकि दोनों नर्सिंग ऑफिसर के ही एसडीपी से काम चल गया. इससे कई दिनों से मरीज की सर्जरी का जो प्रोसीजर थमा हुआ है वह अब पूरा होगा. आज मरीज की सर्जरी हो सकेगी.

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