डोप टेस्टिंग के मामले में बजरंग पूनिया को कोर्ट से नहीं मिली राहत, NADA को नोटिस जारी
पहलवान और कांग्रेस नेता बजरंग पूनिया को डोप परीक्षण के लिए नमूना देने से कथित इनकार के कारण राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) द्वारा निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका में फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने बजरंग पूनिया की याचिका पर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी को शुक्रवार को नोटिस जारी किया है और उससे जवाब मांगा है. दिल्ली हाईकोर्ट मामले में अगली सुनवाई अक्टूबर में करेगी.
याचिका में बजरंग पूनिया ने दावा किया है कि NADA का ये कदम भारत के संविधान के मुताबिक नहीं है. उन्होंने अपनी याचिका में तर्क है कि एजेंसी का यह फैसला उनके काम को करने की आजादी और आजीविका कमाने के उनके मौलिक अधिकारों का हनन और मनमाना है.
जानकारी के मुताबिक NADA ने 23 अप्रैल को बजरंग पूनिया को निलंबित किया था और इसके पीछे की वजह 10 मार्च को हरियाणा के सोनीपत में होने वाले ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए यूरिन सैंपल देने से इंकार करना बताई गई थी.
बजरंग पूनिया पर लगे हैं ये आरोप
आपको बता दें कि बजरंग पूनिया उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया था. 6 सितंबर को बजरंग पूनिया ने विनेश फोगाट के साथ कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बजरंग पूनिया की निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका पर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी से अपना पक्ष मांगा है. न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने अक्टूबर में अल्बानिया में होने वाली सीनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप से पहले दायर याचिका पर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी को नोटिस जारी किया है.
अंतरिम राहत की मांग की थी
एथलीट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने अंतरिम राहत की मांग की तो न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि इसके लिए कोई औपचारिक आवेदन दायर नहीं किया गया है.
वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव दत्ता का कहना है कि यह किसी को परेशान करने का एक क्लासिक मामला है. विश्व चैंपियनशिप नजदीक है. मुझे अभ्यास करना है.
नाडा ने पहली बार 10 मार्च को सोनीपत में आयोजित चयन ट्रायल के दौरान डोप परीक्षण के लिए अपना मूत्र नमूना देने से इनकार करने पर 23 अप्रैल को पुनिया को निलंबित किया थाय खेल की वैश्विक शासी संस्था, यूनाइटेड रेसलिंग वर्ल्ड (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भी उन्हें निलंबित किया था.