तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की करेंसी के आए बुरे दिन, लोग क्यों नहीं दे रहे भाव?

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां की मुद्रा की अहमियत भी कम हो गई है. उसे भाव नहीं मिल रहा है. लोगों को डर है कि बांग्लादेश की मौजूदा करेंसी को वापस लिया जा सकता है या उसमें बदलाव किया जा सकता है. ऐसा इस वजह से क्योंकि उसपर बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले मुजीबुर रहमान की फोटो है. भारत-बांग्लादेश की सीमा पर मनी एक्सचेंज की दुकान पर काम करने वाले एक शख्स ने कहा कि हमने देखा कि कैसे प्रदर्शनकारी शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा तोड़ रहे हैं. ये हमारे लिए चिंता की बात है. अगर वहां की सरकार करेंसी को वापस लेती है तो हमें काफी दिक्कत होगी.
भारत-बांग्लादेश की सीमा पर मनी एक्सचेंज की कई दुकानें हैं. बांग्लादेशी टका की गड्डी दिखाते हुए एक दुकानदार ने कहा, यहां की प्रत्येक लाइसेंस प्राप्त दुकान में मुद्रा का अच्छा भंडार है. लेकिन अब कोई खरीदार नहीं है. एक सामान्य दिन में मुझे लगभग 60 से 70 ग्राहक मिलते हैं. बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से व्यापार सुस्त हो गया है.
एक अन्य दुकानदार ने कहा कि सोमवार से हमें सिर्फ एक ग्राहक मिला. सामान्य दिनों में सैकड़ों लोग बॉर्डर क्रॉस करते हैं और हम दिनभर व्यस्त रहते हैं. अकेले मेरे पास 80 ग्राहक आते थे. लेकिन अब हमें नहीं पता चीजें कब सामान्य होंगी. उन्होंने कहा कि लोगों में डर है कि बांग्लादेश में मौजूदा करेंसी को वापस लिया जा सकता है. मनी एक्सचेंजर्स भारतीय रुपये को बांग्लादेशी टका और डॉलर में बदलते हैं. वे भारतीय और बांग्लादेशी दोनों के लिए काम करते हैं. कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी हैं.
कई सुरक्षा के बीच व्यापार शुरू
इस बीच, पश्चिम बंगाल में पेत्रपोल भूमि बंदरगाह के जरिए भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार आज गुरुवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच फिर से शुरू हो गया. बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद पांच अगस्त को दोनों दक्षिण एशियाई देशों के बीच व्यापार रुक गया था. पेत्रपोल को छोड़कर पश्चिम बंगाल के कई स्थल बंदरगाहों के जरिए बुधवार को आंशिक रूप से इसे फिर शुरू किया गया. पेत्रपोल के जरिए द्विपक्षीय व्यापार बांग्लादेश के साथ साझा सभी स्थलीय बंदरगाहों में सबसे अधिक है.
बांग्लादेश को भारत का निर्यात 2022-23 में 12.21 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 2023-24 में 11 अरब डॉलर रह गया. आयात भी पिछले वित्त वर्ष में घटकर 1.84 अरब डॉलर रह गया, जो 2022-23 में दो अरब डॉलर था. बांग्लादेश को भारत के मुख्य निर्यात में सब्जियां, कॉफी, चाय, मसाले, चीनी, रिफाइंड पेट्रोलियम तेल, रसायन, कपास, लोहा और इस्पात तथा वाहन आदि शामिल हैं.
वहीं भारत को बांग्लादेश का निर्यात कुछ श्रेणियों जैसे वस्त्र तथा परिधानों तक ही सीमित है, जो उनके निर्यात का 56 प्रतिशत है. स्थानीय मीडिया के अनुसार, बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में जान गंवाने वालों की संख्या 400 से ज्यादा हो गई है. हालांकि, हिंसा प्रभावित देश में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सेना द्वारा प्रयास जारी है.
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को मंगलवार को बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने देश की अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया. इससे एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री शेख हसीना ने नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा दे दिया था और वह देश छोड़कर चली गईं थी.

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