तरंग शक्ति युद्धाभ्यास में दिखा भारत का दमखम, जानिए क्यों है अहम?
7 से लेकर 14 सितंबर तक चल रहे तरंग शक्ति अभ्यास में भारत का अपना दमखम दिखा रहा है. भारत का एकमात्र लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड भारती भी इसमें शामिल हुआ. ये हेलीकॉप्टर16,400 फीट की ऊंचाई पर उतर और उड़ान भर सकता है. इस वजह से ये हेलीकॉप्टर ऊंचाई वाले इलाकों के लिए बहुत ही उपयोगी है. इसे सियाचिन और पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में आसानी से तैनात किया जा सकता है. ये आर्मी और वायुसेना का मजबूत हथियार है.
तेजस हल्का होने की वजह से काफी कारगर लड़ाकू विमान है. ये भारतीय वायुसेना का स्वदेशी घातक हथियार है. आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के वाइस चीफ ने पहली बार एक साथ तेजस फाइटर जेट में उड़ान भरी. और तरंग शक्ति में पूरी दुनिया के सामने इसका लोहा मनवाया. साल 2019 में ये एयरफोर्स का हिस्सा बना था. इस फाइटर जेट की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसके 50 फीसदी कलपुर्जे भारत में बनाए गए हैं. इसके साथ ही भारत ने संदेश दिया कि क्यों दुनिया भारत के इस लड़ाकू विमान का मुरीद है. फिलहाल इंडोनेशिया, फिलीपींस जैसे देश तेजस मार्क वन को खरीदने में रूचि दिखा चुके हैं.
अमेरिकी एयर क्राफ्ट A-10 ठंडरबोल्ट
अमेरिका के ए-10 थंडरबोल्ट एयरक्राफ्ट को विश्व के सबसे खतरनाक विमानों में से एक माना जाता है. तरंग शक्ति में अमेरिका के इस खतरनाक विमान हिस्सा लिया है..यह विमान ज़मीन पर दुश्मनों पर बम गिराने, रॉकेट दागने, और मिसाइल दागने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ये अमेरिका के कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन का हिस्सा बन चुका है जिसमे सबसे चर्चित ऑपरेशन ईराक फ्रीडम है.
F-18 एयरक्राफ्ट की पहली एंट्री
अमेरिका के F-16 एक मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है. जिनका इस्तेमाल विश्व के करीब 25 से ज्यादा देश करते हैं. तरंग शक्ति युद्धाभ्यास में F-16 ने भी एंट्री ली. इसे ग्रीस लेकर आया है. ग्रीस की वायुसेना इसका इस्तेमाल करती है..वहीं रूस यूक्रेन युद्ध मे भी F-16 एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
वहीं ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार इस अभ्यास में हिस्सा लिया है. ये भी पहली बार है कि ऑस्ट्रेलिया ने F-18 एयरक्राफ्ट से एंट्री ली है. इसे अमेरिका की बोइंग कंपनी ने बनाया है. यह विमान अमेरिकी नौसेना, आस्ट्रेलियाई नौसेना और कुवैत वायु सेना में भी शामिल हैं. ये विमान इतना खतरनाक है कि एक मिनट में हजारों राउंड फायर कर सकता है. यह लड़ाकू विमान हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और हवा से सतह पर मार करने वाले हथियारों को ले जा सकता है.
सुखोई 30 MKI ने दिखाया दम
तरंग शक्ति अभ्यास में सुखोई 30 ने भी अपना दम दिखाया. सुखोई 30 भारतीय वायुसेना में सबसे ताकतवर विमान माना जाता है. इनकी खास बात है कि यह तेज और धीमी गति में हवा में कलाबाजियां दिखाते हुए दुश्मन को धोखा देते हुए उनपर हमला कर सकता है. भारतीय वायसेना के पास इस वक्त सबसे ज्यादा सुखोई विमान है. हाल ही में रक्षा मंत्रालय और HAL के बीच 26 हजार करोड़ में हुई है. जिसमें HAL अब वायुसेना के फाइटर जेट सुखोई-30MKI एयरक्राफ्ट के लिए 240 एयरो-इंजन बनाएगा. इस विमान में दो इंजन हैं और दो चालकों के बैठने की जगह है. इनमें से कुछ विमान को सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को लॉन्च करने के लिए भी अपग्रेड किया गया है. सुखोई विमान 3,000 किलोमीटर तक हमला कर सकता है.
SMAR मिसाइल उड़ाएगी पाक-चीन की नींद
भारत ने पुरानी रूसी मिसाइल से ‘अग्निबाण’ बना डाला है. ये ऐसा हथियार है जिससे पाकिस्तान-चीन की नींद उड़ जाएगी. तरंग शक्ति अभ्यास में इस मिसाइल सिस्टम की झलक देखने को मिली. भारतीय वायुसेना ने सालों पहले रूस से R-73 और R-27 मिसाइलें ली थीं. ये मिसाइलें हवा से हवा में मार करती थीं. लेकिन इनका जखीरा जब पुराना हो चला तो लगा कि ये किसी काम की नहीं रहेंगी, तब इसे भारतीय वैज्ञानिकों ने बदलकर सतह से हवा में मार करने वाले सिस्टम में बदल दिया. समर अपनी स्पीड से दुश्मन के फाइटर जेट या हेलिकॉप्टर को आसानी से टारगेट कर सकती है. वायुसेना की BRD यूनिट इसका संचालन करती है. समर एयर डिफेंस सिस्टम में दो तरह की मिसाइलों को लगाया जा सकता है.