तरक्की की रफ्तार भरेगा इंडिया का विकास मॉडल, सरकार दे सकती है 12 नए औद्योगिक शहरों की मंजूरी
मोदी सरकार भारत की विकास यात्रा में तेजी लाने के लिए हर संभव कोशिश करने में जुटी है. इसके लिए केंद्र सरकार तेजी से काम कर रही है. बजट में निर्मला सीतारमण ने इंफ्रा सेक्टर पर अधिक फोकस दिखाया था. कई नए हाईवे और एक्सप्रेसवे को बनाने की बात कही गई थी. कुछ राज्यों के नवीनीकरण के लिए नए फंड भी अलॉट किए गए हैं. अब सरकार 12 नए शहरों को औद्योगिक हब बनाने का फैसला लेने जा रही है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ग्रेटर नोएडा और धोलेरा के तर्ज पर विभिन्न राज्यों में 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना के प्रस्ताव को इस सप्ताह मंजूरी दे सकता है. अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित 12 औद्योगिक शहरों में से दो आंध्र प्रदेश और एक बिहार में बन रहे हैं.
ये है प्लान
वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए राज्यों और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में 100 शहरों में या उसके आसपास ‘प्लग एंड प्ले’ औद्योगिक पार्क विकसित करने की घोषणा की गई है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया था कि ऐसे आठ शहर पहले से ही कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं.
चार शहरों – धोलेरा (गुजरात), ऑरिक (महाराष्ट्र), विक्रम उद्योगपुरी (मध्य प्रदेश) और कृष्णपट्टनम (आंध्र प्रदेश) में शुरुआती काम हो चुका है और उद्योग के लिए भूमि आवंटन का काम चल रहा है. इसी तरह, अन्य चार शहरों में सरकार का विशेष उद्देश्य वाहन सड़क संपर्क, पानी और बिजली आपूर्ति जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया में है.
पहले चरण में हैं ये 8 शहर
आठ औद्योगिक शहर पहले से ही विकास के चरण में हैं और बजट में 12 नए शहरों की घोषणा के साथ, देश में इन शहरों की कुल संख्या 20 तक पहुंच जाएगी. इस कदम से देश के सकल घरेलू उत्पाद में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी बढ़ाने और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी.