‘तवा’ एक सुरम्य नगर जो मानव निर्मित बड़ी झील के लिए पूरे भारत में मशहूर हुआ

मध्य प्रदेश का नर्मदापुरम जिसे कुछ सालों पहले तक होशंगाबाद के नाम से जाना जाता था. इसी होशंगाबाद जिले में एक छोटा सा कस्बा है जिसे ‘तवा’ कहते हैं. ये कस्बा 1978 में बांध के बनने के बाद पर्यटकों की नजर में आया. तवा डैम मध्य प्रदेश की प्रमुख और पवित्र नर्मदा नदी की सहायक तवा नदी पर बना है.
तवा डैम का आर्थिक महत्व ये है कि यहां पर मध्य प्रदेश जलविद्युत की सबसे बड़ी परियोजना चल रही है. इसके अलावा इस डैम का पानी आस-पास के इलाकों में खेती की सिंचाई के लिए बड़ी मात्रा में उपयोग में लाया जा रहा है. जिससे इस पूरे इलाके में भरपूर फसल की पैदावार हो रही है. इसके अलावा इस डैम का पानी आस-पास के शहरों में पीने के लिए भी सप्लाई किया जाता है.
ऐतिहासिक तवा नगर
प्राचीन काल में तवा नगर गोंडवाना राजाओं के शासन का हिस्सा हुआ करता था, समय के साथ-साथ इसपर शासकों का दौर बदलता रहा, गोंड राजाओं के बाद मराठों, फिर अंग्रेजों ने अपना शासन किया. इस इलाके में इतिहास को दर्शाने वाले कई दर्शनीय स्थल आज भी अच्छी हालत में मौजूद हैं, उनमें से प्रमुख है भीमबेटका गुफाएं जिन्हें यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित कर रखा है. तवा में हिंदू-मुस्लिम संस्कृति की मिली-जुली झलक देखने को मिलती है. यहां रहने वाले दोनों ही समुदाय मिल-जुलकर एक दूसरे के त्योहारों को मनाते हैं.
तवा नगर के आकर्षक पर्यटक स्थल
प्राकृतिक पर्यटकों के घूमने के लिए तवा जैसी सुंदर जगह भारत में बहुत कम ही देखने को मिलती है. इस जगह को पर्यटकों के स्वर्ग का दर्जा दिया गया है. यहां सतपुड़ा पहाड़ों के बीच बने तवा बांध का जलाशय आकर्षक और पूरी तरह से प्राकृतिक है. इस बांध की तस्वीर एक कल्पना को साकार करती हुई दिखाई देती है. जिसमें आसपास पहाड़ हैं, बीच में पानी की बड़ी सी झील दिखाई देती है और उसमें चलती बड़ी-बड़ी नाव.
सुबह-शाम के वक्त झील के किनारे ठंडी हवाओं के साथ थोड़ा घूमने-फिरने से जिंदगी तनाव मुक्त सी हो जाती है. मध्य प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने यहां आने वाले पर्यटकों के लिए पानी के बीचों-बीच जाकर पहाड़ों की प्राकृतिक सुंदरता को निहारने और कैमरे में कैद करने के लिए बैकवाटर क्रूज़ का इंतजाम किया हुआ है. तवा के पास ही जंगली जानवरों को देखने के लिए सतपुड़ा नेशनल पार्क है जिसमें कई जंगली जानवरों को देखा जा सकता है. इसके अलावा जंगल में कैंपिंग करने के शौकीन पर्यटकों के लिए कई ट्रैकिंग और कैंपिंग साइट भी हैं.
तवा देखने के लिए सही समय
तवा घूमने का मजा मानसून के मौसम में है जब हल्की-हल्की फुहारें हों. इस दौरान जंगल में चारों ओर हरियाली होती है बीच-बीच में छोटे-छोटे पानी के झरने बह रहे होते हैं, जबकि अक्टूबर-मार्च का मौसम सूखा और ठंडा रहता है. वहीं अप्रैल से जून तक मौसम गर्म, सूखा और झुलसाने वाला रहता है. तवा में आने वाले पर्यटकों को रुकने के लिए कई गेस्ट हाउस मिल जाते हैं साथ ही खाने के होटल भी काफी हैं.
ऐसे पहुंचे तवा शहर की खूबसूरती देखने के लिए
तवा नगर सड़क मार्ग से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 100 किमी और नागपुर से लगभग 250 किमी की दूरी पर स्थित है. भोपाल देश-प्रदेश के सभी शहरों से सड़क, रेल और हवाई मार्ग से सीधे जुड़ा हुआ है. तवा के पास का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन मध्य प्रदेश का इटारसी जंक्शन है जो तवा से सिर्फ 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. तो इस साल के मानसून का लुत्फ सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच तवा झील के किनारे बिताएं और यहां के खूबसूरत नज़ारों के साथ ही खुशगवार मौसम का भी लुत्फ़ उठाएं.

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