‘ताइवान की स्वतंत्रता’ का मतलब युद्ध है, चीनी सेना ने चेतावनी दी
पिछले हफ्ते ताइवान में पहली बार बड़े स्तर पर युद्धाभ्यास करने के बाद चीन ने सख्त भरे लहजे में चेतावनी दी है. चीनी सेना ने ताइवान की आजादी का मतलब युद्ध बताया है. साथ ही कहा कि वह इस अलग द्वीप में अलगाववादी गतिविधियों के समर्थन में विदेशी हस्तक्षेप को नाकाम करके ही रहेगा और इसके लिए दृढ़ कार्रवाई करने को तैयार है.
चीनी सैन्य प्रवक्ता सीनियर कर्नल वू कियान ने यहां मीडिया को बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी हर दृढ़ कार्रवाई करने के लिए तैयार और सक्षम है. दरअसल वू 20 शपथ ग्रहण के दौरान ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग के स्वतंत्रता-समर्थक भाषण पर पूछे गए एक सवाल पर जवाब दे रहे थे.
ताइवानी राष्ट्रपति के भाषण से बौखलाया चीन
64 वर्षीय लाई, जिन्हें विलियम लाई के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने 2024 के जनवरी महीने में राष्ट्रपति चुनाव में लोकप्रिय जीत हासिल की थी. चीन ताइवान को एक विद्रोही प्रांत के रूप में देखता है और मानता है कि इसे मुख्य भूमि के साथ लाया जाना चाहिए. भले ही बल का ही क्यों न इस्तेमाल करना पड़े. वहीं लाई की डीपीपी पार्टी चीन से आजादी नहीं चाहती है. उसका कहना है कि ताइवान पहले से ही एक संप्रभु राष्ट्र है. नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के ठीक तीन दिन बाद चीन ने ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया था और चेतावनी दी थी कि ताइवान के लोगों को ये दिन उनके नए राष्ट्रपति की वजह से ही देखना पड़ रहा है.
लाई का भाषण बाहरी ताकतों से प्रभावित
अपने बिना उद्घाटन भाषण के दौरान लाई ने चीन से ताइवान को धमकी देना बंद करने का आह्वान किया था. बीजिंग से शांति के लिए संयुक्त रूप से काम करने का आह्वान किया था. कर्नल वू ने कहा, लाई का भाषण बाहरी ताकतों से प्रेरित है. पीएलए इसका दृढ़ता से विरोध करता है और मजबूत जवाबी उपायों के साथ जवाब देने को तैयार है. पीएलए के कंधों पर राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा का मिशन है.