तीन बार मिली तारीख पर नहीं हुई हार्ट सर्जरी, दिल्ली एम्स में इलाज के लिए 6 साल से तरस रहा मासूम

मेरा नाम अंकित कुमार है. मैं बिहार के बेगूसराय जिले का रहने वाला हूं. मेरा एक 6 साल का बेटा है जिसका नाम आयांश है. जन्म के बाद से ही बेटे को हार्ट में दिक्कत थी, डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि दिल की दो नसें जुड़ी हुई हैं जिससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक नहीं होता. बिहार में कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन आराम नहीं मिला. डॉक्टरों की सलाह पर दिल्ली एम्स लेकर आए. यहां कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग में बेटे का इलाज शुरू हुआ. इलाज के दौरान हार्ट की कई तरह की जांच की गई. जिसके बाद पता चला कि बेटे के हार्ट की बाईपास सर्जरी होगी.
एम्स के डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए सभी दस्तावेज तैयार कर दिए और 6 सितंबर 2019 सर्जरी की तारीख दे दी गई. लेकिन बेड न होने का हवाला देकर सर्जरी नहीं की और कहा कि अगले साल सर्जरी के लिए आना. कागज पर सर्जरी के लिए 5 अगस्त 2020 की तारीख दे दी गई. 2019 में ही सर्जरी के लिए पैसे और ब्लड भी जमा करा लिया गया, लेकिन फिर भी उसका इलाज नहीं हुआ. जब भी सर्जरी की तारीख वाले दिन अस्पताल जाता था तो कभी डॉक्टर नहीं मिलते थे और कभी बेड न होने का हवाला देकर वापिस भेज दिया जाता था. दूसरी बार भी वापिस भेजा और कहा कि 5 जून 2023 को सर्जरी होगी, लेकिन इस बार सर्जरी का समान न होने की बात कहकर इलाज टाल दिया गया.
6 साल में 4 बार ही मिले डॉक्टर
पिछले 6 साल में मेरे बच्चे को सर्जरी की 3 बार डेट मिल चुकी है, लेकिन इलाज नहीं हो पा रहा है. जिन डॉक्टर की निगरानी (सचिन तलवार) में इलाज चल रहा है उन्होंने पिछले 6 साल में मेरे बेटे को केवल चार बार ही देखा है. माली हालत भी खराब है. एक मेडिकल स्टोर पर काम करता हूं और किसी प्राइवेट अस्पताल में इलाज नहीं करा सकता. वहां सर्जरी का खर्च 12 से 15 लाख है. इतनी रकम मेरे पास नहीं है. ऐसे में इलाज का सहारा सिर्फ एम्स ही है.
हर दिन बिगड़ रही बच्चे की हालत
सर्जरी और इलाज के अभाव में बच्चे की हालत बिगड़ रही है. सामान्य बच्चों की तरह उसके शरीर का विकास नहीं हो पा रहा है. थोड़ा कुछ काम करते ही वह थक जाता है. सांस लेने में परेशानी होने लगती है. इस कारण खेलकूद भी नहीं पाता है. बच्चे की हालत देख दुख होता है, लेकिन देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में भी इलाज नहीं मिल पा रहा है.
ये कहानी अंकित कुमार की है. उन्होंने हमसे यह जानकारी साझा की है.
एम्स ने कहा देरी का कारण पता लगाया जाएगा
इस मामले में Tv9 ने दिल्ली एम्स के मीडिया सेल विभाग में बातचीत की है. विभाग की इंचार्ज और एम्स की प्रवक्ता डॉ रीमा दादा ने बताया कि उन्होंने डॉ सचिन तलवार से संपर्क किया है, लेकिन उनका फोन बंद होने के कारण बातचीत नहीं हो पाई है, डॉक्टर से संपर्क होते ही सर्जरी में देरी के कारण की जानकारी ली जाएगी.

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