तीसरी बार पीएम बने नरेंद्र मोदी, क्या आगामी बजट में स्टार्टअप इंडस्ट्री को मिलेगी बूस्टर डोज?
9 जून को नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. मोदी 3.0 के गठन के साथ ही स्टार्टअप इंडस्ट्री बूस्टर डोज की उम्मीद लगा बैठी है. पीएम मोदी का स्टार्टअप इंडिया का सपना अब नई तरक्की की नई उंचाई को छूना चाहता है. एक सीनियर अधिकारी ने कहा है कि कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री देश में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए नई सरकार द्वारा घोषित आगामी बजट में स्टार्टअप के लिए अधिक धनराशि की मांग कर सकता है.
जुलाई में पेश होगा बजट
नई सरकार 2024-25 के लिए जुलाई में बजट पेश कर सकती है. अप्रैल 2021 में 945 करोड़ रुपए की धनराशि के साथ घोषित सीड फंड योजना 2025 में समाप्त हो जाएगी. मंत्रालय इसी तर्ज पर एक नई योजना प्रस्तावित करने पर विचार कर सकता है. यह सेक्टर देश में रिकॉर्ड संख्या में रोजगार पैदा कर रहा है. जनवरी 2024 को रिलीज हुए विश्व आर्थिक मंच की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारतीय टेक स्टार्टअप्स 2023 में सीधे तौर पर 10.34 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने में सक्षम हुए हैं. इसमें यह भी कहा गया था कि आने वाले वर्षों में यह संख्या बढ़ने की उम्मीद है. इसका मतलब यह निकलता है कि आने वाले समय में स्टार्टअप इंडस्ट्री और तेजी से आगे बढ़ने जा रही है.
सीड फंड योजना का उद्देश्य?
सीड फंड योजना का उद्देश्य स्टार्टअप्स को कॉन्सेप्ट के प्रमाण, प्रोटोटाइप विकास, प्रोडक्ट परीक्षण, बाजार में प्रवेश और उसके बाजार में उतारने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना था. इस निधि को भारत भर में इनक्यूबेटरों के माध्यम से पात्र स्टार्टअप्स को शुरुआती फंडिंग प्रदान करने के लिए चार वर्षों में विभाजित किया गया था.
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि किसी स्टार्टअप की वृद्धि के स्टार्टिंग फेज में उद्यमियों के लिए पूंजी की आसान उपलब्धता जरूरी है. देश में 1.17 लाख से ज़्यादा सरकारी रजिस्टर्ड स्टार्टअप हैं. वे आयकर और अन्य लाभों के लिए पात्र हैं. इन मान्यता प्राप्त स्टार्टअप ने 12.42 लाख से ज़्यादा डायरेक्ट नौकरियां पैदा की हैं.
मंत्रालय द्वारा डीप टेक स्टार्टअप के लिए एक समर्पित नीति प्रस्तावित करने की भी उम्मीद है. डीप टेक्नोलॉजी का मतलब एडवांस वैज्ञानिक और तकनीकी सफलताओं पर आधारित इनोवेशन से है. अपनी प्रकृति के कारण उनमें भारत के सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को हल करने की क्षमता है.