थॉमस चेरियन को सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई, 56 साल पहले प्लेन क्रैश में गई थी जान

भारतीय सेना के जवान थॉमस चेरियन को उनकी मौत के 56 साल बाद शुक्रवार को सैन्य सम्मान के साथ दफनाया गया. थॉमस चेरियन की करीब 56 साल पहले एक हवाई दुर्घटना में मौत हो गई थी. उन्हें केरल के एक चर्च के प्रांगण में विशेष रूप से तैयार कब्र में दफनाया गया. अंतिम विदाई के लिए ले जाने से पहले थॉमस को पूरा सैन्य सम्मान दिया गया.
इससे पहले दिन में सैन्यकर्मी पूरे सम्मान के साथ पार्थिव शरीर को लेकर एलनलाटूर गांव स्थित उनके पैतृक घर पहुंचे. पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद पादरी ने धार्मिक अनुष्ठान किए और पुलिस ने सलामी दी. इसके बाद पार्थिव शरीर को करूर के सेंट पीटर ऑर्थोडॉक्स चर्च ले जाया गया. एलनलाटूर और आसपास के इलाकों से सैकड़ों लोग थॉमस को उनकी मौत के 56 साल बाद अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए जुटे.
56 साल बाद चेरियन सहित चार अवशेष बरामद किए
इस मौके पर केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज, पथानामथिट्टा के सांसद एंटो एंटनी, कई दलों के नेता, सेना और प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. सेना ने बताया कि भारतीय वायुसेना के एक एएन-12 विमान के हिमाचल प्रदेश के रोहताग दर्रा के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त होने के 56 साल से भी अधिक समय बाद, चेरियन सहित चार अवशेष बरामद किए थे.
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थॉमस चेरियन के अवशेषों को गुरुवार को तिरुवनंतपुरम के वायुसेना स्टेशन षणमुगम में पूरे सैन्य सम्मान के साथ प्राप्त किया गया. थॉमस चेरियन के अवशेषों को पैंगोडे सैन्य अड्डे पर रखा गया था. वहीं, शुक्रवार सुबह ताबूत को उनके पैतृक गांव ले जाया गया. वहां, उसे पास के एक चर्च के प्रांगण में विशेष रूप से तैयार कब्र में दफनाया गया.
7 फरवरी, 1968 को विमान दुर्घटना में हुई थी मौत
केरल के पथानामथिट्टा के निवासी 22 वर्षीय थॉमस चेरियन की 1968 में एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. वह भारतीय सेना के एक जवान थे. दो इंजन वाला यह परिवहन विमान 7 फरवरी, 1968 को चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरने के बाद लापता हो गया था. उसमें 102 लोग सवार थे और सभी लापता हो गए थे. दशकों तक विमान का मलबा और शवों के अवशेष रोहतांग की बर्फ में सालों तक दबा रहा.

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