दक्षिणपंथी राजनीति का एक और देश में बढ़ा असर, ऑस्ट्रिया में बन सकती है सरकार
ऑस्ट्रिया की फॉर राइट पार्टी फ्रीडम पार्टी (FPO) रविवार को होने वाले आम चुनाव में पहली बार जीत हासिल कर सकती है. यह पार्टी देश में इम्मिग्रेशन, महंगाई, यूक्रेन युद्ध, और अन्य मुद्दों पर अपने रुख से बढ़ी लोकप्रियता का फायदा उठाने का प्रयास कर रही है. फ्रीडम पार्टी के चीफ हर्बर्ट किक्ल ऑस्ट्रिया के नए चांसलर बनना की रेस में है और मतदान से पहले हुए सर्वो में आगे चल रहे हैं.
चीफ हर्बट किक्ल ने चुनाव प्रचार के दौरान ‘Volkskanzler’ (जनता का चांसलर) शब्द का इस्तेमाल किया है, जो 1930 के दशक में नाजियों की ओर से एडोल्फ हिटलर के लिए इस्तेमाल किया गया था. हालांकि, किक्ल ने इस तुलना को खारिज किया है. उनकी दक्षिणपंथी विचारधारा के चलते उनके विरोध उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरा बता रहे हैं.
सर्वों में कौन आगे?
देश में मतदान से पहले हुए सर्वों से किक्ल की राह इतनी भी आसान नहीं दिख रही है. हालिया सर्वे में के मुताबिक उनकी पार्टी FPO को 27 फीसद समर्थन प्राप्त हुआ है, जबकि सत्ताधारी पार्टी कंजर्वेटिव पीपुल्स पार्टी (ÖVP) 25 फीसद लोगों ने अपनी पसंद बताया है और सेंटर राइट पार्टी सोशल डेमोक्रेट्स को 21 समर्थन मिला है. इस हिसाब से लग रहा है कि किक्ल को FPO की सरकार बनाने के लिए किसी दूसरे दल के समर्थन की जरूरत होगी.
किक्ल ने 2019 के चुनाव के बाद से पार्टी के ऊपर काफी काम किया है और उनकी देश में लोकप्रयता बढ़ी है. जून में फ्रीडम पार्टी ने पहली बार यूरोपीय संसद चुनाव में एक नेशनल वोट जीतकर सफलता हासिल की. बता दें, की दूसरी राइट विंग पार्टियों को भी यूरोपीय संघ के चुनावों में बढ़त मिली है.
फॉर राइट पार्टी की क्यों बढ़ी लोकप्रयता
फ्रीडम पार्टी ने बढ़ी महंगाई, यूक्रेन युद्ध, और कोविड महामारी को काबू करने में सरकार की नाकामी का फायदा उठाया है, साथ ही इम्मिग्रेशन को लेकर देश के लोगों में बढ़ती चिंताओं को भी भुनाया है. किक्ल ने खुद को कट्टर दक्षिणपंथी दिखाने की कोशिश की है, उन्होंने अपने चुनाव प्रचार में प्रवासियों का पुनः प्रवासन और सीमाओं को कड़े नियंत्रण में रखने की बात की है.
साथ FPO रूस पर प्रतिबंधों और यूक्रेन को सैन्य मदद की भी आलोचना करती रही है और यूरोपीय स्काई शील्ड इनिशिएटिव से बाहर निकलने की भी मांग कर रही है।
फ्रीडम पार्टी का देश में विरोध भी कम नहीं है, उदारवादी लोगों इस पार्टी को खतरनाक मानते हैं. सोशल डेमोक्रेट्स के नेता एंड्रियास बैबलर ने किक्ल को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है.