दवाइयों के बिजनेस में है मोटा मुनाफा, मेडिकल स्टोर खोलने का ये है प्रोसेस

दवाइयों का रिटेल बिजनेस हमेशा नगदी में होता है. साथ ही दवाइयों के बिजनेस में रिटेल स्टोर वालों को अच्छा खासा मुनाफा भी मिलता है. अगर आप अपने शहर में मेडिकल स्टोर खोलने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यहां हम आपको मेडिकल स्टोर में होने वाले मुनाफे और इसे खोलने के तरीके के बारे में विस्तार से बता रहे हैं. जिसके बाद आप आसानी से मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं.
आपको बता दें मेडिकल स्टोर खोलने के लिए फार्मेसी में डिग्री या डिप्लोमा (B.Pharm या D.Pharm) की आवश्यकता होती है. यदि आपके पास ये डिग्री नहीं है, तो आपको एक योग्य फार्मासिस्ट को नियुक्त करना होगा. मेडिकल स्टोर खोलने के कुछ ऐसे ही नियम हैं.
ड्रग कंट्रोलर ऑफिस से लाइसेंस
मेडिकल स्टोर शुरू करने के लिए आपके पास फार्मेसी की डिग्री या डिप्लोमा होना चाहिए, जिसके बाद आपको स्टेट फार्मेसी काउंसिल और ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर से ड्रग लाइसेंस लेना होगा. इसके लिए आपको नीचे बताए गए डॉक्यूमेंट देने होंगे.

फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र.
मेडिकल स्टोर की जगह का नक्शा.
मालिक का आधार कार्ड और पैन कार्ड.
दुकान का किराए का अनुबंध या स्वामित्व प्रमाणपत्र.
GST नंबर.

ड्रग लाइसेंस के लिए कैसे करें आवेदन?
ड्रग लाइसेंस के लिए आप ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं. ऑनलाइन के लिए आपको राज्य सरकार की ड्रग कंट्रोल वेबसाइट पर जाना होगा और ऑफलाइन के लिए आपको ड्रग इंस्पेक्टर के ऑफिस में आवेदन करना होगा. ड्रग लाइसेंस दो तरीके का होता है, इसमें एक रिटेल लाइसेंस होता है और दूसरा होलसेल लाइसेंस होता है.
GST रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
GST रजिस्ट्रेशन आवश्यक है ताकि आप टैक्स का भुगतान कर सकें और ग्राहकों को वैध बिल दे सकें. GST रजिस्ट्रेशन के लिए www.gst.gov.in पर आवेदन करें. इसके अलावा आपको जनरल मेडिसिन, एंटीबायोटिक, पेन किलर, और स्पेशलाइज्ड मेडिसिन का स्टॉक खरीदना होगा और दवाइयों की एक्सपायरी डेट का ध्यान रखना होगा.
मेडिकल स्टोर में इंवेस्टमेंट और प्रॉफिट
मेडिकल स्टोर शुरू करने के लिए 5 से 10 लाख रुपए तक का इन्वेस्टमेंट करना होता है, इसमें दवाइयां, लाइसेंस फीस और सेटअप का खर्च शामिल है. वहीं जब आप दवाइयों की रिटेल सेल करते हैं तो आपको 16 से 25 फीसदी का प्रॉफिट होता है और जब आप दवाइयों की होलसेल करते हैं तो 30 से 40 फीसदी तक का आपको प्रॉफिट होता है.
ब्रांडेड या फ्रैंचाइज़ मॉडल का विकल्प
अगर आप आप खुद का दवाइयों का बिजनेस शुरू नहीं करना चाहते हैं तो आप किसी प्रतिष्ठित ब्रांड की फ्रैंचाइज़ लेकर मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं. मेडिकल स्टोर खोलते समय नियमों और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना अनिवार्य है. गलत दवाओं की बिक्री या नियमों की अनदेखी करने पर लाइसेंस रद्द हो सकता है.

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