दान में फूटी कौड़ी नहीं लेने का दावा, संपत्ति 100 करोड़ के पार… क्या है भोले बाबा की ‘चमत्कारी कंपनी’?

हाथरस में 100 से भी ज्यादा भक्तों की मौत के 80 घंटे गुजर गए, लेकिन बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरजपाल अब तक सामने नहीं आया है. वो खुद तो सामने नहीं आया है, लेकिन उसके कई सनसनीखेज सच जरूर सामने आ गए हैं. इनमें एक सच किसी भी भक्त से दान न लेने के दावे करने वाले नारायण साकार हरि की अकूत संपत्ति का है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कई आश्रमों के मालिक इस बाबा की संपत्ति 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की बताई जा रही है. ऐसे में सवाल ये कि खाकी वर्दी के बाद सफेद लिबास में बाबागिरी करने वाले सूरजपाल ने इतना बड़ा अर्थतंत्र कैसे खड़ा किया?
अब तक की जानकारी के मुताबिक भोले बाबा 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति का मालिक है. सिर्फ उत्तर प्रदेश में करीब 25 आश्रम हैं. इसके साथ-साथ 25-30 लग्जरी कारों का काफिला भी है. सेवा में सैकड़ों सेवादार तैनात रहते थे. हजारों सेवादारों की निजी सेना की बात सामने आ चुकी है. जाहिर है आश्रमों और सेवादारों पर हर महीने लाखों रुपए खर्च होते होंगे. ऐसे में सवाल ये कि किसी भक्त से एक रुपये का दान नहीं लेने का दावा करने वाला बाबा इतने पैसे लाता कहां से है? वो इतने आश्रमों की शृंखला का मालिक कैसे बन गया?

मैनपुरी के बिछुआ इलाके में ये आश्रम 21 बीघा जमीन में फैला है.
कई कमरों वाले इस आश्रम को व्हाइट हाउस भी कहा जाता है.
इसमें 6 विशेष कमरे बाबा और उसकी पत्नी के लिए रिजर्व हैं.
बिना इजाजत के बाबा के कमरे में कोई नहीं जा सकता.
इस आश्रम में करीब 80 सेवादार हर वक्त बाबा की सेवा में तैनात रहते हैं.
सत्संग के लिए कहीं भी जाना हो तो बाबा इसी आश्रम से जाता था.
ये आश्रम राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर है.
वैसे तो बाबा किसी से भी दान नहीं लेने का दावा करता है, लेकिन इस आश्रम में 200 दानदाताओं की सूची है.
जिसमें 10 हजार से ढाई लाख रुपए तक के दान का हिसाब दर्ज है.
तमाम सुख-सुविधाओं से लैस इस आश्रम में हेलीपैड तक है.
इस आश्रम के सामने बहुत बड़ा मैदान है, जहां 3 लाख की भीड़ जमा हो सकती है.

मैनपुर आश्रम में अभी भी आ रहे अनुयायी
सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि के मैनपुरी आश्रम के बाहर इसमें आस्था रखने वाले भक्तों के आने का सिलसिला अब भी जारी है. कुछ भक्तों से बात की गई तो पता चला कि इनमें बदायूं से आईं कुछ महिलाएं भी शामिल हैं. जिन्होंने हाथरस वाले सत्संग में मौजूद रहने का दावा किया और इनके मुताबिक भगदड़ में बाबा की कोई गलती नहीं है. बाबा तो परमात्मा हैं. खबर है कि यूपी एसटीएफ की टीम बीती आधी रात मैनपुरी के इस आश्रम में पहुंची थी. बताया जा रहा है कि एसटीएफ की टीम करीब एक घंटे बाद आश्रम से कुछ गाड़ियां लेकर निकल गई.
कासगंज के बहादुर नगर में आश्रम
अब सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि के बाकी आश्रमों की हकीकत भी जान लेते हैं. बाबा का कासगंज के बहादुर नगर में भी लंबा चौड़ा आश्रम है. सूरजपाल के पुश्तैनी गांव का ये आश्रम 18 बीघे में फैला है. आश्रम के करीब अलग से 22 बीघा खेती की जमीन है. बाबा का ये आश्रम भी किसी फाइव स्टार होटल या रिसोर्ट से कम नहीं है. इस आश्रम में भी एक बोर्ड लगा है. जिस पर चंदा या दान न लेने की बात लिखी मिली है है. ऐसे में सवाल वही कि जब दान लिया नहीं तो फिर क्या चमत्कार से ये राजसी आश्रम प्रकट हो गया.
सुविधाओं के शानदार इंतजाम
आश्रम के अंदर सुख-सुविधाओं के शानदार इंतजाम हैं और यहां भी एक इलाका ऐसा है जहां किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है. बताया जाता है कि 1999 तक यूपी पुलिस में नौकरी करने वाले सूरज पाल के नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा बनने का सफर यहीं से शुरू हुआ. इसी आश्रम के करीब सूरजपाल के सगे भाई राकेश कुमार अपने परिवार के साथ रहते हैं, लेकिन उनके घर की हालत ठीक नहीं है. सूरजपाल उर्फ भोले बाबा की बहन भी यहीं रहती हैं.
इटावा में भी शानदार आश्रम
सूरजपाल का एक आश्रम इटावा में भी है. इटावा के जसवंतनगर इलाके के कटे खेड़ा गांव का ये आश्रम 15 बीघे जमीन पर बना है. बताया जा रहा है कि आश्रम का निर्माण चंदे की रकम से हुआ है. जानकारी ये भी है कि किसी बात से सूरजपाल यहां के भक्तों से नाराज है, ऐसे में वो एक बार भी यहां नहीं आया. खबर तो ये भी है कि इस आश्रम की जमीन विवादित है, जिसकी जांच इटावा के उप जिलाधिकारी ने शुरू कर दी है..
कानपुर के बिधनू इलाके में भी सूरजपाल का आश्रम है. ये आश्रम करीब 8 बीघा जमीन पर बना है. इस आश्रम की जमीन भी विवादित बताई जा रही है. इस आश्रम का मुख्य कर्ता-धर्ता अनिल तोमर नाम का आदमी है, जो यहां ताला बंद कर फरार हो गया है. इस आश्रम में काला जादू होने की बात भी सामने आई है.
संभल में भी बाबा का आलीशान आश्रम
फिलहाल, यूपी पुलिस की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट ने इस आश्रम की जांच शुरू कर दी है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि ने आश्रमों का जाल बिछा रखा है. इसका एक आश्रम संभल में भी है. यहां भोले बाबा प्रवास कुटिया के नाम से आश्रम है. ये आलीशान आश्रम 8 बीघा जमीन पर बना है. करीब 12 साल पहले सराय सिकंदर गांव के करीब ये आश्रम बना. तब 1 महीना तक सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि यहां रुका भी था. हाथरस हादसे के बाद संभल के इस आश्रम में सन्नाटा पसरा है.
स्वयंभू संत नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल का एक ठिकाना नोएडा में भी है. ये आश्रम नोएडा सेक्टर 87 के इलाहाबास गांव में है. 1000 गज जमीन पर बने इस आश्रम में 30 कमरे हैं. सूत्रों के अनुसार इस आश्रम को दिल्ली के राकेश कुमार ने बनवाया है. यहां हर रविवार को सत्संग होता है. 2021 में बने इस आश्रम में बाबा एक बार ही आया है.
ग्वालियर में भी बाबा का भव्य आश्रम
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का भव्य आश्रम है. ग्वालियर के तिघरा रोड पर हरि विहार में ये आश्रम है. सूरजपाल यहां अक्सर सत्संग के लिए आता था, लेकिन अब इस आश्रम से बाबा का नाम छिपाया जा चुका है. 12 मार्च 2024 को यहां सत्संग हुआ था. इसके बाद 10 मई तक वो यहीं रहा. इस आश्रम के आसपास के लोग यहां संदिग्ध गतिविधियां होने के आरोप भी लगाते हैं.
2023 में बदला गया ट्रस्ट का नाम
अभी तो नारायण साकार हरि के गिनती के आश्रम ही सामने आए हैं. इस बीच सूरजपाल के ट्रस्ट से जुड़ी एक अहम जानकारी भी सामने आई है. इसके ट्रस्ट का नाम पहले मानव सेवा आश्रम था. जिसे 2023 में बदल कर श्री नारायण साकार हरि चैरिटेबल ट्रस्ट कर दिया गया. बाबा का दावा है कि वो किसी से एक रुपया भी चंदा नहीं लेता. जहां भी सत्संग होता है, उसकी जिम्मेदारी ‘हम समिति’ संभालती है. ऐसी ही समिति ने हाथरस में भी सत्संग का आयोजन किया था, लेकिन अब 100 से भी ज्यादा मौत के बाद इस बाबा के कुछ भक्तों की आंखों से अंधविश्वास का पर्दा भी उठ रहा है.
बाबा ने इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा कैसे किया?

सूरजपाल ने जब सत्संग शुरू किया, तब भीड़ नहीं आती थी.
उस वक्त बाबा भीड़ के बीच अपने लोगों को बैठाता था.
भीड़ अपनी-अपनी समस्या बताते और बाबा उसका तुरंत समाधान बता देता.
ऐसे लोग ये भी कहते कि उन्हें बाबा के बताए उपाय से फायदा मिला.
इससे बाकी लोगों का भरोसा बढ़ने लगा और इसके भक्तों की तादाद लगातार बढ़ने लगी.

जिस रफ्तार से अलग-अलग राज्यों में बाबा के भक्तों की संख्या बढ़ी, उसी हिसाब से इसकी संपत्ति की दिन-दूनी रात चौगुनी बढ़ती चली गई. अब एक नहीं कई राज्यों में बाबा का साम्राज्य खड़ा हो गया है.
(टीवी9 ब्यूरो रिपोर्ट)

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