दिलजीत दोसांझ की विवादित फिल्म में आखिर सेंसर बोर्ड ने 85 कट्स क्यों लगवा दिए?

पंजाबी सिनेमा का बहुत बड़ा नाम Diljit Dosanjh इस वक्त खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं. उन्होंने अपने करियर में कई शानदार फिल्में दी हैं. इसमें सिर्फ पंजाबी ही नहीं, हिंदी फिल्में भी शामिल हैं. हाल ही में वो ‘क्रू’ में नजर आए थे. इससे पहले Good Newwz, Soorma और Phillauri जैसी फिल्में भी की हैं. जल्द उनकी एक फिल्म आने वाली है, जो है- Punjab 95. यह उनके करियर की बहुत बड़ी फिल्मों में से एक होने वाली है. पर फिल्म आने से पहले ही मामला फंसता नजर आ रहा है. दरअसल फिल्म पर CBFC ने कैंची चला दी है. लेटेस्ट अपडेट से यह पता लगा कि, सेंसर बोर्ड ने फिल्म में 85 कट्स लगाए हैं.
दिलजीत दोसांझ की Punjab 95 को Honey Trehan ने डायरेक्ट किया है. यह पिक्चर ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट जसवंत सिंह खालड़ा की जिंदगी पर आधारित बताई जा रही है.
सेंसर बोर्ड ने फिल्म में कितने कट्स लगाए?
दरअसल फिल्म में दिलजीत दोसांझ जिन जसवंत सिंह खालड़ा का किरदार निभा रहे हैं. उन्होंने सिख युवाओं के लापता होने और हत्या की जांच की थी. यह वो लोग हैं, जो साल 1984-1994 के बीच हुए पंजाब विद्रोह के दौरान लापता हुए थे. हाल ही में मिड डे में एक रिपोर्ट छपी. इससे पता लगा कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म देखने के बाद इसमें 85 कट्स लगाने के लिए कह दिया है. इतना ही नहीं, मेकर्स की लगातार परेशानी बढ़ती नजर आ रही है. इसी रिपोर्ट से यह भी पता लगा कि, इस फिल्म को रिलीज के लिए सर्टिफिकेट देने में भी सेंसर बोर्ड फिलहाल विचार कर रहा है.
सोर्स के हवाले से रिपोर्ट में यह भी छापा गया कि, सेंसर बोर्ड ने 85 कट्स पर सहमति जताई है. पर फिर भी उनकी तरफ से प्रोड्यूसर्स को यह बोला गया है कि, यह फिल्म एक विवादास्पद टॉपिक पर बनी हुई है. इस वक्त में फिल्म को रिलीज किया जाना सही है या नहीं यह भी बड़ा सवाल है. CBFC ने अबतक फिल्म पर कोई फैसला नहीं लिया है.
हालांकि, यह दिलजीत दोसांझ की फिल्म के साथ पहली बार नहीं हो रहा है. इससे पहले भी उनकी इस फिल्म पर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जताई थी. नाम था- Ghallughara. उस वक्त फिल्म पर 21 कट्स लगाए जाने को कहा गया था. वहीं, इसका नाम बदलने को भी कहा गया था. जिसके बाद रॉनी स्क्रूवाला ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सेंसर बोर्ड के खिलाफ हाईकोर्ट तक मामला पहुंचा. पर उसका नतीजा यह हुआ, साल 2023 के टोरंटो फेस्टिवल के लाइन अप से फिल्म को बाहर करना पड़ा.
ऑडियंस तक फिल्म पहुंचाना चाहते हैं मेकर्स
फिल्म पर सेंसर बोर्ड ने कई कट्स लगवा दिए हैं. पर बावजूद इसके मेकर्स इसे दर्शकों तक पहुंचाने की तमाम कोशिशें कर रहे हैं. जबकि एक दूसरे सोर्स से यह भी पता लगा कि, फिल्म को रिलीज करने में इसलिए भी सोचा जा रहा है कि खालड़ा की मौत पर सवाल उठाती है. दरअसल वो 1995 में गायब हो गए थे. पर इसके 10 साल बाद पंजाब पुलिस के 6 अधिकारियों को उनकी मौत का दोषी ठहराया गया. फिल्म रिलीज होने से पुलिस की छवि पर असर पड़ेगा, इसलिए इसकी रिलीज को रोका जा रहा है.

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