दिल्ली एनसीआर में घर खरीदना हुआ महंगा, कीमतों में आई 50% की तेजी
दिल्ली-एनसीआर और मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में घरों की औसत कीमतें पिछले पांच वर्षों में लगभग 50 प्रतिशत बढ़ी हैं. संपत्ति सलाहकार एनारॉक ने कहा है कि यह वृद्धि उच्च मांग से प्रेरित है. एनारॉक के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की औसत कीमत जनवरी-जून, 2024 में 49 प्रतिशत बढ़कर 6,800 रुपए प्रति वर्ग फुट हो गई है, जो 2019 की समान अवधि में 4,565 रुपए प्रति वर्ग फुट थी.
क्या कहती है रिपोर्ट?
इसी तरह, एमएमआर में समीक्षाधीन अवधि के दौरान आवास की औसत कीमतें 10,610 रुपए प्रति वर्ग फुट से 48 प्रतिशत बढ़कर 15,650 रुपए प्रति वर्ग फुट हो गईं. एनारॉक ने कहा कि निर्माण लागत में भारी बढ़ोतरी और अच्छी बिक्री के कारण कीमतों में वृद्धि हुई. इसने बताया कि 2016 के अंत से 2019 तक दोनों क्षेत्रों में कीमतें स्थिर रहीं थीं.
एनारॉक ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण इन दोनों आवासीय बाजारों में मांग नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई. शुरुआत में डेवलपर्स ने पेशकश और मुफ्त उपहारों की मदद से बिक्री को बढ़ावा दिया, लेकिन मांग बढ़ने के साथ ही उन्होंने धीरे-धीरे औसत कीमतें बढ़ा दीं.
सेल में भी आई गिरावट
इतना ही नहीं, दिल्ली-एनसीआर में बीते 5 साल में बिना बिके मकानों की संख्या में 57 फीसदी कमी आई है. इसमें नोएडा और गुरुग्राम एकदम अपोजिट डायरेक्शन में खड़े हैं. गुरुग्राम में बिना बिके मकानों की संख्या 53,136 से घटकर 33,326 हो गई. इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर में ये बिना बिके मकानों की सबसे बड़ी इंवेंटरी है. वहीं नोएडा में ऐसे मकानों की संख्या में 71 प्रतिशत की गिरावट हुई है. नोएडा में 25,669 यूनिट में से खाली मकानों की संख्या 7,451 यूनिट रह गई है. ग्रेटर नोएडा में 61,628 के मुकाबले इनकी संख्या 70 प्रतिशत गिरकर 18,668 हो गई. जबकि गाजियाबाद में ये संख्या 37,005 से 70 प्रतिशत घटकर 11,011 रही.