दिल्ली हाईकोर्ट से पूजा खेडकर को राहत, कोर्ट ने अंतरिम जमानत को रखा बरकरार

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को धोखाधड़ी के आरोपों में 2022 बैच की बर्खास्त प्रशासनिक अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए जमानत पर अपना आदेश सुरक्षित रखा. जस्टिस चंद्रधारी सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों को सुना गया है और इस मामले में कोर्ट फैसला सुरक्षित रखती है. हालांकि, उन्हें (पूजा) को गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम प्रोटेक्शन जारी रहेगा.
पूजा पर 2022 के सिविल सेवा परीक्षा में अपने आवेदन में गलत जानकारी देकर दिव्यांग कोटे का फर्जी लाभ लेने का आरोप है. हालांकि, वह अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करती हैं. उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस और संघ लोक सेवा आयोग ने शिकायत दर्ज कराई है. इस केस में हाईकोर्ट ने पूजा को 12 अगस्त को अंतरिम जमानत दी थी, जिसके बाद इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है.
हिरासत की कोई जरूरत नहीं
सुनवाई के दौरान पूजा के वकील ने कहा कि उनकी क्लाइअन्ट जांच में शामिल होने और सहयोग करने के लिए तैयार हैं, इसलिए उनकी हिरासत की कोई आवश्यकता नहीं है. उनके इस दावे का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि अपराध में अन्य लोगों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए पूजा खेडकर से हिरासत में पूछताछ जरूरी है.
दस्तावेजों में बदलाव की शिकायत
सुनवाई के दौरान पुलिस के वकील ने कहा कि पूजा ने अलग-अलग परीक्षाओं में अलग-अलग दस्तावेजों का उपयोग किया है. उनके दिव्यांगता प्रमाण पत्र में गड़बड़ी मिली है. वहीं, यूपीएससी के वकील ने पूजा को जमानत देने का विरोध किया. पुलिस के वकील ने कहा कि पूजा से संबंधित केस में अभी जांच एजेंसियों ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की जांच नहीं की है.
जांच को प्रभावित कर सकती है
दिल्ली पुलिस ने कहा कि अगर पूजा को केस में जमानत पर बाहर रखा जाता है, तो इस गहरी साजिश की जांच में बाधा उत्पन्न होगी, और इसका प्रभाव सिविल सेवा परीक्षा की शुचिता पर पड़ेगा. वहीं, यूपीएससी ने कहा कि पूजा ने आयोग और जनता से धोखाधड़ी की है. इस पर पूजा के वकील ने कहा कि पूजा पर यह आरोप तब लगे जब उन्होंने एक अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया.

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