दीदी के बंगाल में अपराधियों की मदद करना सम्मान की बात… नबन्ना प्रोटेस्ट में लाठीचार्ज से जेपी नड्डा नाराज

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त को महिला डॉक्टर से रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. उसके साथ हुई दरिंदगी से देश का आक्रोश थम नहीं रहा है. नबन्ना अभियान के तहत बंगाल में मंगलवार को हजारों की संख्या में युवा सड़कों पर उतरे. इन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पानी की बौछार भी की. बीजेपी का आरोप है कि ममता बनर्जी की पुलिस ने छात्रों के साथ बर्बरता की है. इसके खिलाफ बुधवार को ‘बंगाल बंद’ बुलाया है.
छात्रों के साथ बर्बरता की बात कहते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने ममता सरकार को घेरा है. नड्डा ने कहा, कोलकाता से पुलिस की बर्बरता की तस्वीरें सामने आई हैं. जो हर उस व्यक्ति को गुस्सा दिलाने वाली हैं, जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों को महत्व देता है. दीदी (ममता बनर्जी) के पश्चिम बंगाल में बलात्कारियों और अपराधियों की मदद करना तो सम्मान की बात है. मगर, महिलाओं की सुरक्षा के लिए बोलना अपराध है.

The images of police highhandedness from Kolkata have angered every person who values democratic principles.
In Didi’s West Bengal, to help rapists and criminals is valued but it’s a crime to speak for women’s safety.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) August 27, 2024

नबन्ना अभियान में निकले छात्रों पर पुलिस ने हावड़ा ब्रिज के पास और कोना एक्सप्रेसवे पर संतरागाछी रेलवे स्टेशन के पास लाठीचार्ज किया. पानी की बौछारें छोड़ी और आंसू गैस के गोले दागे. प्रदर्शनकारियों ने राज्य सचिवालय नबन्ना तक पहुंचने के लिए पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स को पार करने की कोशिश की थी.
हावड़ा पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान महिला को हिरासत में लिया. (फोटो-पीटीआई)
पुलिस की कार्रवाई में कई छात्र घायल
नबन्ना अभियान भारी संख्या में युवा शामिल हैं. वो कोलकाता कांड को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. नबन्ना पश्चिम बंगाल सरकार का सचिवालय है. लाठीचार्ज से आक्रोशित युवाओं ने संतरागाछी में पुलिस पर ईंट-पत्थर फेंके. इसमें कई अधिकारियों को चोट आईं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई में कई छात्र घायल हुए हैं.
प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पानी की बौछार. (फोटो-पीटीआई)
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने चार छात्रों के लापता होने की बात कही है. इसका पुलिस ने खंडन किया है. पुलिस का कहना है कि उन्हें हत्या की साजिश के साथ-साथ हत्या के प्रयास में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया था. लापता होने का आरोप झूठा है. नबान्न अभियान के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने की योजना बना रहे थे.
शुभेंदु अधिकारी ने क्या कहा
बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है. इसमें लिखा, हावड़ा स्टेशन पर पहुंचने वाले स्वयंसेवकों को खाना बांट रहे कार्यकर्ता आधी रात के बाद लापता हैं. उनका पता नहीं चला है. न ही फोन पर उनसे बात हो पा रही है. आशंका है कि उन्हें ममता बनर्जी की पुलिस ने गिरफ्तार किया है या हिरासत में लिया है. अगर उन्हें कुछ हुआ तो पुलिस को जवाबदेह ठहराया जाएगा.
लाठीचार्ज करती पुलिस. (फोटो-पीटीआई)
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, पुलिस ने परिवार को सूचित नहीं किया था. परिवार कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुका है. ममता बनर्जी सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए तीन से चार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि रैली का आयोजन किसी राजनीतिक दल ने नहीं किया था.

The following Student Activists who were distributing food to the volunteers, who were arriving at Howrah Station, suddenly went missing after midnight :-
# Subhojit Ghosh
# Pulokesh Pandit
# Goutam Senapati
# Pritam Sarkar
Neither they can be traced nor are they answering
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) August 27, 2024

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