दुबई से यमन जा रहा था वो तेल का टैंकर जिसमें सवार थे 13 भारतीय, हूतियों का साया तो नहीं पड़ा?
ओमान के समुद्री क्षेत्र से ‘प्रेस्टिज फाल्कन’ नाम के एक तेल टैंकर के डूबने की घटना सामने आई है. ओमान अधिकारियों ने बताया कि यह हादसा तब हुआ जब टैंकर दुबई से यमन के आदेन बंदरगाह की ओर जा रहा था. इसमें सवार करीब 16 चालक दल के सदस्य अब तक लापता हैं, जिनमें 13 भारतीय हैं. जानकारी के मुताबिक, ओमान की नौसेना और तटरक्षक बल ने तुरंत बचाव अभियान शुरू कर लापता लोगों को तलाश करना शुरू कर दिया है, लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
जहाज में लापता हुए 16 लोगों में से 13 भारतीय और 3 श्रीलंकाई नागरिक हैं. खबरों के मुताबिक भारतीय नेवी ने भी अपना जहाज टैंकर की खोज के लिए भेजा है. ये घटना 15 जुलाई की है, ओमान के समुद्री सुरक्षा केंद्र (Maritime Security Centre) ने मंगलवार को एक्स पर इसकी जानकारी साझा की थी.
Updates regarding the recent capsizing incident of the Comoros flagged oil tanker southeast of Ras Madrakah pic.twitter.com/PxVLxlTQGD
— مركز الأمن البحري| MARITIME SECURITY CENTRE (@OMAN_MSC) July 16, 2024
117 मीटर लंबा टैंकर पलटा
रॉयटर्स के मुताबिक तेल टैंकर से ऑयल लीक की कोई जानकारी फिलहाल नहीं है. शिपिंग डेटा के मुताबिक यह जहाज 117 मीटर लंबा है, जिसे 2007 में बनाया गया था. यह तेल टैंकर रास मदरकाह से 25 समुद्री मील दक्षिण-पूर्व में दुकम बंदरगाह शहर के पास पलटा है. दुकम बंदरगाह ओमान के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित है, जो किंगडम की प्रमुख तेल और गैस प्रोजेक्ट के करीब है और यहां ओमान की मुख्य तेल रिफाइनरी भी मौजूद है. जहाज की पहचान प्रेस्टीज फाल्कन के रूप में हुई है, जिस पर अफ्रीकी देश कोमोरूस का झंडा लगा है.
हूती साजिश का अंदेशा
Maritime Security के मुताबिक ये टैंकर यमन की बंदरगाह अदेन की ओर जा रहा है. अदेन शहर उन बड़े शहरों में से एक है जिनका कंट्रोल अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त यमन की सरकार के पास है. हालांकि, अभी तक ऐसी जानकारी नहीं है कि इस हादसे में हूतियों का कोई हाथ है.
2014 के बाद से यमन में शुरू हुए गृह युद्ध ने इस क्षेत्र के समुद्री यातायात को काफी प्रभावित किया है और यमन के ज्यादातर बड़े शहरों पर हूती का कब्जा है. गाजा जंग के बाद से यमन हूतियों ने लगातार लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाया है. ये जहाज दुबई की हमरीया बंदरगाह से चला था, क्योंकि दुबई के रिश्ते इजराइल के साथ बेहतर हैं. इसलिए यमन हूती की इसको निशाना बनाने की आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है.