दुश्मन को भनक लगने से पहले ही उसे कर देगा तबाह, अमेरिका ने ईरान के लिए उतारा ये विध्वंसक फाइटर जेट
अमेरिका ने इजराइल की रक्षा के लिए अपना सबसे बड़ा ‘ब्रह्मास्त्र’ उतार दिया है. एडवांस अमेरिकी फाइटर जेट F-22 मिडिल ईस्ट में दुश्मन के मंसूबों को नाकाम करने के लिए तैयार है. इजराइल पर ईरान के संभावित हमले को देखते हुए अमेरिका ने अपना सबसे एडवांस फाइटर जेट तैनात कर दिया है.
मिडिल ईस्ट में पहुंचते ही इस लड़ाकू विमान ने अपनी धाक जमानी शुरू कर दी है. अमेरिका के सेंट्रल कमांड ने जानकारी दी है कि गुरुवार को F-22 फाइटर जेट ने हूती विद्रोहियों की ओर से दागी गई एंटी शिप क्रूज मिसाइल को लाल सागर में मार गिराया.
F-22 रैप्टर की खासियत जानिए
अमेरिका का F-22 रैप्टर लड़ाकू विमान हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम है. यह कुछ सेकेंड में ही दुश्मन को टारगेट कर सकता है. यह इतना एडवांस और घातक है कि इसकी तुलना किसी दूसरे लड़ाकू विमान से नहीं की जा सकती. इसके सेंसर खतरों को भांप कर सबसे पहले हमला करने का मौका देता है. F-22 फाइटर जेट एक साथ 8 बमों से हमला कर सकता है, यह ऑफ्टरबर्नर का इस्तेमाल किए बगैर ही सुपरसोनिक एयरस्पीड पर उड़ान भर सकता है.
F-22 में एक सेंसर सूट है जो पायलट को पता लगने से पहले हवा से हवा में खतरों को ट्रैक करने, पहचानने, शूट करने और मारने की अनुमति देता है. कॉकपिट डिज़ाइन और सेंसर फ़्यूज़न पायलट को अलर्ट कर पहले अटैक करने का मौका देता है. इसकी रेंज 1600 न्यूटिकल माइल्स है तो वहीं यह लड़ाकू विमान 50 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है. यह 38 हजार किलोग्राम भार वहन करने की क्षमता रखता है, वहीं इसका वजह 19700 किलोग्राम है.
मिडिल ईस्ट में सैन्य तैनाती बढ़ा रहा अमेरिका
अमेरिका ईरान के संभावित हमले के मद्देनजर मिडिल ईस्ट में लगातार वॉरशिप और लड़ाकू विमान तैनात कर रहा है. इससे पहले विमानवाहक पोत थियोडोर रूजवेल्ट के ज़रिये लगभग एक दर्जन F/A-18 लड़ाकू विमान सैन्य अड्डे पर पहुंचे हैं. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक F/A-18 और एक E-2D हॉकआई निगरानी विमान 5 अगस्त को ओमान की खाड़ी में विमान वाहक पोत से रवाना हुए और मध्य पूर्व इलाके में अज्ञात सैन्य अड्डे पर पहुंचे.
अमेरिका के ये वॉरशिप और लड़ाकू विमान कितने समय तक बेस पर रहेंगे इसके जवाब में एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया है कि अभी यह तय नहीं है. इन विमानों की तैनाती का समय इस बात पर निर्भर करेगा कि अगले कुछ दिनों में मिडिल ईस्ट में हालात कैसे होंगे?