दूध वाली चाय को ज्यादा उबालने से सेहत को होते हैं ये गंभीर नुकसान

हमारे देश में चाय के शौकीन लोगों की कोई कमी नहीं है. कुछ लोगों को चाय इतनी पसंद होती है कि उनके दिन की शुरूआत और अंत चाय के साथ ही होती है. भारत में लोग अपने स्वाद और सेहत के हिसाब से चाय पीना पसंद करते हैं. स्वाद और सेहत के अनुसार यहां ग्रीन टी, ब्लैक टी, लेमन टी और मिल्क टी के चाहने वाले आपको मिल जाएंगे. भारत में अधिकतर लोग मिल्क टी पीना पसंद करते हैं. ऐसे में कुछ चाय के इतने शौकीन हैं कि वो काफी देर तक अपनी चाय को उबालते रहते है जबतक उसका गाढ़ा रंग न आ जाए. या फिर उसमें इतनी ज्यादा पत्ती डाल देते हैं कि वो रंग में गाढ़ा होने के साथ स्वाद में भी कड़वा हो जाता है.
कुछ लोगों को ज्यादा देर तक चाय उबालकर पीने की आदत होती है. इससे यकीनन चाय का स्वाद बढ़ जाता है लेकिन सेहत के लिहाज से देखा जाए तो ये बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं है. ज्यादा देर तक उबली हुई चाय आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालती है. इसलिए अगर आप चाय पीने के शौकीन हैं तो आपको ये जरूर पता होना चाहिए कि चाय को कितनी देर तक उबालना सही है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
चाय को कितनी देर तक उबालें
चाय बनाने की सारी सामग्री डाल देने के बाद आप इसे सिर्फ 4-5 मिनट के लिए ही उबालें. इससे ज्यादा देर के लिए अगर आप चाय उबालते हैं तो इससे आपकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है. आइए जानते हैं अगर चाय को ज्यादा देर तक उबाला जाए तो इससे क्या नुकसान होते हैं.
1.शरीर में हो सकती है आयरन और कैल्शियम की कमी
दूध की चाय को ज्यादा देर तक उबालने से इसमें टैनिन की मात्रा बढ़ जाती है. टैनिन की मात्रा बढ़ने से शरीर में आयरन की कमी हो जाती है जिससे आप जल्द ही एनीमिया के शिकार हो सकते हैं.
2. एसिडिटी की समस्या
दूध वाली चाय को ज्यादा उबालने से इसका पीएच लेवल भी बढ़ जाता है जिससे चाय ज्यादा एसिडिक हो जाती है.
3.पाचन संबंधी समस्याएं
चाय को ज्यादा देर तक उबालने की वजह से इसके एसिडिक गुण बढ़ जाते हैं जिससे आपको पाचन संबंधित समस्याएं हो सकती है.
4.हाई ब्लड प्रेशर
अगर आप पहले बनाकर रखी हुई चाय को दुबारा उबालकर पीते हैं तो इससे उसमें टैनिन की मात्रा पहले के मुकाबले काफी ज्यादा बढ़ जाती है जो आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करती है.
5.पोषक तत्वों में कमी
दूध वाली चाय को बार बार उबालकर पीने से दूध में मौजूद प्रोटीन, विटामिन डी, और कैल्शियम जैसे कई सारे पोषक तत्व कम हो जाते हैं या फिर नष्ट हो जाते हैं.

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