देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक में फालतू पड़ा है 78 हजार करोड़ रुपए, कही आपका तो नहीं
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को बिना दावे वाली जमाराशियों की वापसी में तेजी लाने के लिए तकनीकी और रणनीतिक उपाय सुझाए जाएंगे. ये कदम बिना दावे वाली जमा राशियों में तेजी से हो रही वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए उठाए जा रहे हैं. मार्च 2024 तक जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (DEA) कोष में ₹78,213 करोड़ की बिना दावे वाली जमाराशियां थीं, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 26% अधिक हैं.
ये है प्लान
सहकारी बैंकों सहित सभी बैंक जिनके खातों में 10 साल या उससे अधिक समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ है, उन जमाराशियों को इस कोष में स्थानांतरित करने के लिए बाध्य हैं. बैंकों द्वारा इस संदर्भ में एक डिटेल स्टडी की जा रही है, जिसमें दावा न किए गए जमा राशियों का विश्लेषण किया जाएगा और जमा राशियों को कम करने के उपाय सुझाए जाएंगे.
क्या कहती है रिपोर्ट?
अधिकारियों के अनुसार, बैंकों की यह योजना छह महीने के भीतर RBI को प्रस्तुत की जाएगी. अध्ययन में तकनीक-आधारित समाधान और डिजिटल टूल का उपयोग करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि जमाकर्ताओं के साथ बेहतर जुड़ाव स्थापित किया जा सके और दावों की प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके. बैंक इस दिशा में ऐसे क्षेत्रों और राज्यों की पहचान भी करेंगे, जहां बिना दावे वाली जमा राशियां अधिक हैं और इसके लिए स्थानीय स्तर पर रणनीतियां तैयार की जाएंगी.
दी गई है ये अनुमति
इस मुद्दे पर आगे बढ़ते हुए अगस्त 2023 में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 के माध्यम से सरकार ने प्रत्येक बैंक खाते में नामांकित व्यक्तियों की संख्या को एक से बढ़ाकर चार करने की अनुमति दी, जिससे दावा न किए गए जमाओं की संख्या कम करने में मदद मिलेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय नियामकों से सभी वित्तीय क्षेत्रों में दावा न किए गए जमा और दावों के निपटान के लिए विशेष अभियान चलाने की अपील की थी. उन्होंने संस्थानों से आग्रह किया कि वे ग्राहकों को उनके वारिसों को नामांकित करने के लिए प्रोत्साहित करें, जिससे भविष्य में बिना दावे वाले धन की समस्या को कम किया जा सके.
RBI ने इस दिशा में UDGAM पोर्टल भी लॉन्च किया है, जो लोगों को अपने बिना दावे वाले जमा की जानकारी खोजने में मदद करता है. 2023 में, RBI ने बैंकों के लिए “100 दिन 100 भुगतान” अभियान भी शुरू किया, जिसके तहत बैंकों को शीर्ष 100 बिना दावे वाले जमा का निपटान 100 दिनों के भीतर करने का लक्ष्य दिया गया था.