देश में एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध के मामले बढ़ें, आईसीएमआर की रिसर्च में हुआ खुलासा
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने एक स्टडी में ब्लडस्ट्रीम इंफेक्शन पैदा करने वाले दो बैक्टेरिया पाए गए हैं. ये आईसीयू के मरीजों में एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति एक रसिस्टेंस को तौर पर पाए गए हैं. इनसे अस्पताल में इंफेक्शन के होने का खतरा ज्यादा होता है. हॉस्पिटल में होने वाला ये एक तरह से आम इंफेक्शन है.
स्टडी में पाए गए इन दो बैक्टेरिया में से एक चेक्लेबसिएला निमोनिया और दूसरा एसिनेटोबैक्टर बाउमानी हैं. इसके अलावा, दो और बैक्टेरिया स्टैफिलोकोकस ऑरियस और एंटरोकोकस फेसियम पाए गए हैं. ये भी ब्लडस्ट्रीम इंफेक्शन के कारण ही बनते हैं. वहीं इनके लिए एंटीबायोटिक्स के तौर पर ऑक्सासिलिन और वैनकोमाइसिन पाए गए हैं.
इन मरीजो पर एंटीबायोटिक का नहीं होता असर
आम तौर पर ये एंटीबायोटिक ब्लडस्ट्रीम इंफेक्शन से पीड़ित नहीं होने वाले मरीजों पर काम करते हैं. आईसीएमआर की सालाना रिपोर्ट 2023 के अनुसार, बैक्टीरिया एसिनेटोबैक्टर एसपीपी वेंटिलेटर से जुड़े निमोनिया के लिए जिम्मेदार सबसे आम पेथोजेंस हैं. इस रिपोर्ट भारत में 39 अस्पतालों के नेटवर्क से जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक सामने आए ब्लडस्ट्रीम इंफेक्शन, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) के मरीजों की जानकारी प्रदान करती हैं.
48 घंटे के बाद बनने लगता है ये बैक्टेरिया
आईसीएमआर की एक वैज्ञानिक डॉ. कामिनी वालिया ने कहा कि इस रिपोर्ट में शामिल अस्पताल आईसीएमआर के एएमआर नेटवर्क का एक हिस्सा है. उनका कहना है कि ये अस्पताल अपनी मर्जी से इसमें शामिल हुए हैं. वहीं डॉ. वालिया ने बताया कि यूटीआई के कारण होने वाले क्लेबसिएला निमोनिया और एसिनेटोबैक्टर बाउमानी में एंटीबायोटिक कार्बापेनम, फ्लोरोक्विनोलोन के प्रति रसिस्टेंस की रेट हाई देखी गई है. आगे डॉ. वालिया कहते हैं कि अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे बाद ये इंफेक्शन से होने वाले बैक्टेरिया बनने लगते हैं.
अस्पतालों में फैल रहा ये इंफेक्शन
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पतालों में फैल रहे इस इंफेक्शन को रोकने के लिए ध्यान रखना चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि ओपीडी, वार्ड और आईसीयू के सभी आइसोलेट्स में कार्बापेनम के बैक्टेरिया को देखा गया है, लेकिन आईसीयू के मरीजों में सबसे ज्यादा इसके प्रतिरोध की जानकारी सामने आई है, इन मरीजों में ये 72 परसेंट के करीब निकला था, इसे ए. बाउमानी के लिए कोलिस्टिन एंटीबायोटिक के बाद संवेदनशीलता के मामले में सबसे प्रभावी एंटीबायोटिक बनाता है. कोलिस्टिन को इस इंफेक्शन का आखिरी विकल्प माना जा रहा है.
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