धर्मपुरी पर DMK के ए.मणि का कब्जा, PMK प्रत्याशी सौम्या अंबुमणि को 2 लाख वोट दी शिकस्त, जानें सांसद के बारे में सबकुछ
तमिलनाडु में लोकसभा की कुल 39 सीटें हैं. इनमें धर्मपुरी संसदीय सीट पर डीएमके और पीएमके की सियासी लड़ाई पुरानी रही है. लोकसभा चुनाव 2024 में यहां एक बार फिर डीएमके का कब्जा हो गया है. इस बार यहां से ए.मणि ने पीएमके प्रत्याशी सौम्या अंबुमणि को 2 लाख 13 हजार वोटों से पराजित कर दिया है. ए.मणि को कुल 4,32,667 वोट मिले जबकि सौम्या अंबुमणि ने 4,11,367 वोट हासिल किये. इस बार यहां से एआईएडीएमके को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा. एआईएडीएमके प्रत्याशी आर. अशोकन को 2,93,629 वोट मिले थे.
55 वर्षीय डीएमके सांसद ए. मणि स्तानक हैं और पेशे से किसान और वकील रहे हैं. ए.मणि ने अपने चुनावी हलफनामे में घोषित किया था कि अपनी उनकी कुल घोषित संपत्ति 8.7 करोड़ है, जिसमें 1.2 करोड़ चल संपत्ति और 7.5 करोड़ अचल संपत्ति शामिल है. उनकी कुल घोषित आय 38.9 लाख रुपये है, जिसमें 24.5 लाख रुपये उनकी खुद की आय है. इसके अलावा उन्होंने देनदारी का भी आंकड़ा जारी किया था. हलफनामे के मुताबिक ए. मणि पर कुल 2.1 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं. इसके साथ ही उन्होंने चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ एक आपराधिक मामले का भी जिक्र किया था.
कहां है धर्मपुरी लोकसभा क्षेत्र?
धर्मपुरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र तमिलनाडु के पश्चिमी भाग में स्थित है. इस क्षेत्र में तमिलनाडु के धर्मपुरी और सलेम जिले शामिल हैं. यह सामान्य वर्ग की सीट है. इससे पहले साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी यहां से डीएमके की जीत हुई थी. इस साल यहां सेंथिंलकुमार चुनाव जीते थे. इस साल पीएमके उम्मीदवार अंबुमणि रामदास को दूसरा स्थान मिला था. लेकिन इससे पहले 2014 के चुनाव में धर्मपुरी सीट पर पीएमके नेता अंबुमणि रामदास ने कब्जा किया था.
आजादी के बाद पहला जिला बना
धर्मपुरी आजादी के बाद तमिलनाडु में गठित पहला जिला है. 1965 में सलेम जिले से कुछ क्षेत्रों को काटकर धर्मपुरी जिले का गठन किया गया था. पड़ोसी जिले कृष्णागिरि और सेलम के मुकाबले धर्मपुरी कम विकसित है. यहां वन्नियार, दलित नायडू, रेडतियार समुदाय के लोग काफी संख्या में रहते हैं. इनमें भी वन्नियार की संख्या सबसे ज्यादा है लिहाजा ज्यादातर बार प्रमुख पार्टियां उसी समुदाय से उम्मीदवार उतारती हैं.