नक्सलियों पर कसेगा शिकंजा, अमित शाह सोमवार को आठ राज्यों के CM के साथ करेंगे बैठक
केंद्र सरकार नक्सलियों पर शिकंजा कसने की रणनीति बना रही है. इसके मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को नक्सल प्रभावित आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे. नई दिल्ली में होने वाली बैठक में झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल होंगे. इस बैठक में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को विकास सहायता प्रदान वाले मंत्रालयों के पांच केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे.
इस बैठक में केंद्र, राज्यों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारी और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी विचार-विमर्श में भाग लेंगे.
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार की रणनीति की वजह से वामपंथी उग्रवाद हिंसा 72 प्रतिशत घटे हैं. साल 2010 की तुलना में 2023 में नक्सली हिंसा में मरने वालों की संख्या में 86 प्रतिशत की कमी आई है. नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि नक्सली अब अपनी आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं.
2026 तक नक्सलियों को खत्म करने का टारगेट
गृह मंत्रालय के अधिकारी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार मार्च, 2026 तक वामपंथी उग्रवाद के पूरी तरह से खत्म करने का टारगेट रखा है.
केंद्र सरकार की ओर से नक्सलवाद के खतरे से लड़ने में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्य सरकारों झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है.
इस साल 202 नक्सलियों का हुआ सफाया
अमित शाह ने 6 अक्टूबर, 2023 को इससे पहले वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक की पूरी स्थिति की समीक्षा की थी. उस बैठक के दौरान, गृह मंत्री अमित शाह ने वामपंथी उग्रवाद पर लगाम लगाने के लिए निर्देश दिए थे.
साल 2024 में अब तक सशस्त्र वामपंथी उग्रवादियों के खात्मे में सेक्युरिटी फोर्स ने अभूतपूर्व भूमिका निभाई है. साल 2024 में अब तक 202 वामपंथी उग्रवादियों को मार गिराया गया है, जबकि 723 वामपंथी उग्रवादियों ने सरेंडर किया है और 812 को अरेस्ट किया गया है.
बयान में कहा गया है कि 2024 में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या में काफी कमी आई है. यह घटकर 38 रह जाएगी. केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्यों के सुदूर क्षेत्रों तक विकास योजनाओं को पहुंचाने के लिए मोबाइल कनेक्टिविटी और सड़क को बढ़ावा देने सहित कई कदम उठाए हैं.