निखर जाएगी बच्चे की पर्सनैलिटी जब पेरेंट्स करेंगे ये 5 काम

बच्चे की पर्सनैलिटी कैसी होगी ये माता पिता पर ही निर्भर करती है. क्योंकि बच्चे अपना ज्यादातर समय पेरेंट्स के साथ ही बिताते हैं. वहीं कई बार पेरेंट्स ऊपर बच्चों के सामने परफेक्ट बने रहने का काफी ज्यादा प्रेशर रहता है जिस वजह से वो कई बार इस चक्कर में गलती कर बैठते हैं. लेकिन हर पेरेंट यही चाहते हैं कि उनके बच्चों को लाइफ में कभी भी निराशा का चेहरा न देखना पड़े वो हमेशा तरक्की की ओर बढ़ते रहें. इसके लिए जरूरी है कि आप अपने बच्चे की पर्सनैलिटी पर खास ध्यान दें. बच्चे की पर्सनैलिटी काफी हद तक पेरेंट्स की पर्सनैलिटी पर निर्भर करती है. इसलिए पेरेंट्स के लिए ये जरूरी हो जाता है कि वो बच्चों के सामने कोई ऐसी बात न कहें जिसका उल्टा प्रभाव उनके बच्चों पर पड़े. या फिर पेरेंट्स को अपने बच्चों के सामने सोच समझकर शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि आप जो करेंगे या कहेंगे आपके बच्चे भी वही सीख लेंगे.
अगर पेरेंट्स अपनी कुछ आदतों पर ध्यान न दें तो बच्चों को बिगड़ने में समय नहीं लगता है. वहीं अपनी कुछ गलत आदतों की वजह से वो बच्चों की पर्सनैलिटी बिगाड़ लेते हैं. अगर आप भी अपने बच्चों की बेहतर पर्सनैलिटी डेवलपमेंट चाहते हैं तो खुद के अंदर यहां बताई गई आदतों को जरूर अपनाएं. आइए जानते हैं उन अच्छी आदतों के बारे में.
1.बच्चे को क्वालिटी टाइम देना है जरूरी
बच्चे के बेहतर विकास के लिए जरूरी है कि आप उन्हें क्वालिटी टाइम दें. इतना ही नहीं आप उन्हें फोन में व्यस्त करने की बजाय उनसे खुद बात करें या फिर उनके साथ खुद खेलें. इस दौरान आप अपने बच्चे के मन के बारे में जान सकते हैं कि वो किसी बात या टॉपिक के ऊपर क्या राय रखते हैं. इसके साथ ही आप उन्हें इस दौरान कुछ अच्छी किताबों, गानों या गेम्स के जरिए पढ़ाई लिखाई की चीजें भी सिखा सकते हैं.
2.प्ले टाइम भी दें
बच्चों के मेंटल और फिजिकल ग्रोथ के लिए उनका खेल कूद करना बहुत जरूरी है. अधिकतर पेरेंट्स यही गलती करते हैं कि बच्चों का टाइमटेबल बनाते वक्त वो उनके रूटीन में प्ले टाइम शामिल ही नहीं करते हैं. जबकि बच्चों के बेहतर विकास के लिए उनका खेलना बहुत जरूरी है.
3.प्यार करते हैं तो जताएं भी
ये बात हम सब जानते हैं कि हर मां बाप अपने बच्चों से प्यार करते हैं लेकिन कई बार प्यार करने के साथ साथ इसे जताना भी जरूरी हो जाता है. अगर आप अपने बच्चों को ये दर्शाते हैं कि आप उनसे बेहद प्यार करते हैं तो इससे वो बहुत सुरक्षित महसूस करते हैं.
4.जिम्मेदारी सिखाएं
बच्चों की चिंता होना लाजमी है लेकिन इस चक्कर में अगर आप बच्चों का हर काम खुद करने लग जाते हैं तो इससे वो आप पर बहुत ज्यादा निर्भर हो जाते हैं. इसकी जगह आप बच्चों को छोटे मोटे काम खुद करने दें. इसके साथ साथ आप अपने बच्चों को घर के छोटे काम भी करने को कह सकते हैं.
5.रोक टोक कम करें और रिस्क लेने दें
बच्चों के लिए ओवर प्रोटेक्टिव होना भी अच्छा नहीं है ये उन्हें बचपन से ही कमजोर और डरपोक बना सकता है. इसकी जगह आप अपने बच्चों को रिस्क लेना सिखाएं. इसके साथ ही आप अपने बच्चों पर रोक टोक थोड़ी कम करें.

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