नीरज चोपड़ा, पीवी सिंधु लहराएंगे परचम, जानिए पेरिस ओलंपिक में टीम इंडिया को कितने मेडल मिलेंगे?

पेरिस ओलंपक 2024 में भारत के 117 एथलीट्स सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं. टोक्यो ओलंपिक में सात मेडल जीतने के बाद, इस बार उनकी नजरें इस आंकड़े को 10 तक पहुंचाने की कोशिश होगी. कुश्ती को छोड़कर किसी भी दूसरे खेल के खिलाड़ी अपनी तैयारी को लेकर किसी तरह की शिकायत नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें हर तरह की सुविधा दी गई है. चाहे विदेश में अभ्यास करवाना हो या उन्हें सर्वश्रेष्ठ सुविधा उपलब्ध करानी हो, किसी भी तरह से कोई कसर नहीं छोड़ी गई है. हालांकि, मौजूदा स्थिति को देखकर नहीं लगता है कि इस बार भारतीय खिलाड़ी 7 मेडल तक भी पहुंच पाएंगे. टोक्यो ओलंपिक की बराबरी करना आसान नहीं होगा, क्योंकि नीरज चोपड़ा को छोड़कर कोई भी अन्य खिलाड़ी पदक का प्रबल दावेदार नहीं दिख रहा है.
क्यों इस बार भारत का मेडल जीतना मुश्किल?
भारत ने पेरिस ओलंपिक में 117 सदस्यों का दल भेजा है. इसमें एथलेटिक्स के 29, निशानेबाजी के 21 और हॉकी (19) के आधे खिलाड़ी शामिल हैं. इन 69 में से 40 खिलाड़ी पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रहे हैं. दूसरे खेलों में भी कमोबेश यही स्थिति है. भारतीय दल में साफ तौर पर अनुभव की कमी देखी जा सकती है. ऐसे में इन एथलीट्स मेडल की उम्मीद ना के बराबर है. इसलिए पीवी सिंधु, टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना, टेबल टेनिस के दिग्गज शरत कमल और हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश जैसी अनुभवी खिलाड़ियों मेडल की पूरी जिम्मेदारी होगी. ये कई खिलाड़ियों के लिए आखिरी ओलंपिक भी हो सकता है.
भारत के लिए इस बार टोक्यो ओलंपिक के रिकॉर्ड तक पहुंचना इसलिए भी मुश्किल लग रहा है, क्योंकि हॉकी टीम की पिछले कुछ समय में अच्छे फॉर्म में नहीं रही है. हाल में टीम के प्रदर्शन में गिरावट है आई है. पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलना और लय बनाए रखना टीम एक बड़ा चैलेंज रहा है. इसके अलावा भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, अर्जेंटीना, न्यूजीलैंड और आयरलैंड के साथ मुश्किल ग्रुप में रखा गया है, जहां छोटी गलती भी भारी पड़ सकती है.
इन खेलों में भी मेडल पर संशय
रेसलर्स और बॉक्सर्स को प्रतियोगिताओं में खेलने का बहुत कम मौका मिला है. वहीं बॉक्सिंग में निकहत जरीन पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली हैं. शूटिंग में 21 खिलाड़ी अपनी चुनौती पेश करेंगे, लेकिन ओलंपिक से पहले उन्होंने कुछ खास रिजल्ट नहीं दिए हैं. इसलिए उनसे भी मेडल की उम्मीद कम है. तीरंदाजी में भी इंडिविजुअल इवेंट में भारत की अच्छी शुरुआत नहीं रही. कोई भी महिला तीरंदाज टॉप-10 में जगह नहीं बना सकी है. वहीं टीम इवेंट में भारत ने क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई किया है.
इसके अलावा ट्रैक और फील्ड एथलीट में अविनाश साबले ने हाल में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन ओलंपिक में शामिल दूसरे देश के प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में उनका प्रदर्शन मेडल जीतने के लिए काफी नहीं है. स्टीपलचेजर साबले लगातार अपने ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड को बेहतर कर रहे हैं. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 8:09.94 है, लेकिन 7 इंटरनेशनल स्टीपलचेजर्स का रिकॉर्ड उनसे भी बेहतर है. ऐसे में उनका फाइनल में पहुंचना भी बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी. पिछले ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू पिछले कुछ समय से चोट और खराब फॉर्म से जूझ रही हैं. इसलिए उनके प्रदर्शन पर भी अभी संशय है.
ये एथलीट्स जीत सकते हैं मेडल
भारत की पदक की बस कुछ एथलीट्स पर ही टिकी हैं. इसमें सबसे पहला नाम नीरज चोपड़ा का है. नीरज भले ही अभी तक 90 मीटर की दूरी तक जैवलिन थ्रो नहीं कर पाए हैं, लेकिन उन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. वहीं बैडमिंटन पीवी सिंधू, चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी कमाल कर सकते हैं. इसके अलावा शूटिंग में मनु भाकर और सौरभ चौधरी मेडल के बड़े दावेदार हैं. पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली बॉक्सर निकहत जरीन और निशांत देव ने पिछले कुछ समय में अच्छा प्रदर्शन किया है, इसलिए उनसे मेडल की उम्मीद की जा सकती है.

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