नौकरियों की आएगी बहार, सरकार ने बनाया ये प्लान, विंटर सेशन में करेगी पेश
संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, सरकार इस सेशन में कई महत्वपूर्ण बिल पास कराना चाहती है, जिससे देश की इकोनॉमी को रफ्तार मिले और नई नौकरी के अवसर जनरेट हो. सरकारी सूत्रों के अनुसार शीतकालीन सत्र में सरकार तेल क्षेत्र, शिपिंग, रेलवे, विमानन और आपदा प्रबंधन से जुड़े बिल पेश किए हैं, जिनके जरिए देश की इकोनॉमी को तेज रफ्तार मिलेगी और नए नौकरियों के अवसर पैदा होंगे.
नई नौकरी के अवसर होंगे पैदा
सरकार ने रेलवे (संशोधन) विधेयक पेश किया है, इससे कानूनी बाधाओं को कम किया जाएगा और रेलवे के परिचालन को सहूलियत मिलेगी. इसके साथ ही बुनियादी ढांचे और रखरखाव में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. तटीय नौवहन विधेयक से निर्यात लागत को कम किया जाएगा, जिससे आने वाले दिनों में समुद्री रास्तों के जरिए ज्यादा व्यापार हो सके. इन दोनों ही विधेयक से नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे.
आपदा प्रबंधन और एयरोस्पेस हब विधेयक
सरकार ने शीतकालीन सत्र में आपदा प्रबंधन विधेयक पेश किया है, जिसमें शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को शामिल किया है. इसके जरिए प्रक्रिया प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. जिससे सुरक्षा बढ़ेगी और इमरजेंसी सेवाओं में रोजगार पैदा होंगे. साथ ही सरकार भारतीय वायुयान विधेयक पेश करेगी, जिसका उद्देश्य भारत को एयरोस्पेस हब के रूप में स्थापित करना है.
एनर्जी सेक्टर में बनेंगे आत्मनिर्भर
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी एनर्जी सेक्टर को पुराने औपनिवेशिक कानूनों से मुक्त करना चाहते हैं और देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं. आपको बता दें संसद के शीतकालीन सत्र के पहले हफ्ते में विपक्ष के विरोध के चलते कोई काम नहीं हुआ, लेकिन सरकार अगले सप्ताह से संसद को सुचारू रूप से चलने को लेकर आशावादी है.
मर्चेंट शिपिंग और लैंडिंग बिल
शीलतालीन सत्र में सरकार मर्चेंट शिपिंग बिल 2024 लैडिंग बिल 2024 को पास कराके समुद्री कानूनों को सुव्यवस्थित करने, उन्हें अधिक कुशल बनाने और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप बनाना चाहती है. मर्चेंट शिपिंग बिल मामूली उल्लंघनों के लिए आपराधिक दंड को हटाता है, जो कम दंडात्मक, अधिक सहायक नियामक ढांचे की ओर बढ़ने का संकेत देता है. इससे समुद्री क्षेत्र को बढ़ावा मिलना चाहिए और भारत की वैश्विक व्यापार क्षमताओं में वृद्धि होनी चाहिए.