न बेबी बंप, न कोई और लक्षण… आखिरी महीने तक पता नहीं चलती प्रेगनेंसी, क्या है ये बीमारी?
दिल्ली की रहने वाली निवेदिता को अचानक चक्कर आए और वह बेहोश होकर गिर गई. पति ने उनको एक बड़े प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया. यहां सभी जांच की गई और किसी बीमारी का पता नहीं चला. डॉक्टर ने एक यूनिट ग्लूकोज चढ़ाकर वापिस घर भेज दिया. इसके तीन दिन बाद निवेदिता के पेट में अचानक तेज दर्द हुआ . इस बार उनके पति फिर अस्पताल लेकर गए. इस अस्पताल में पहले सभी टेस्ट हो चुके थे. ऐसे में डॉक्टरों को पता नहीं चल रहा था कि समस्या क्या है, इस बीच अस्पताल में निवेदिता के पेट में फिर तेज दर्द उठा और इस बार डॉक्टरों ने उनके पेट का अल्ट्रासाउंड किया. जब इसकी रिपोर्ट आई तो डॉक्टर हैरान हो गए. रिपोर्ट में पता चला कि महिला गर्भवती है और उसका आखिरी महीना चल रहा है.
डॉक्टर समझ नहीं पा रहे थे कि महिला को इतने महीने तक पता ही नहीं चल पाया कि वह गर्भवती है. महिला को भी इसकी जानकारी नहीं थी. बच्चा होने के जो लक्षण शरीर में दिखते हैं वह उसमें नहीं थे. न तो पेट ज्यादा बाहर निकला था और न ही अन्य कोई लक्षण था, हां, महिला को पीसीओएस की समस्या जरूर थी. अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या है कि प्रेगनेंट होने के बाद भी पेट नहीं निकला और अन्य लक्षण भी नहीं आए. क्या वाकई ऐसे कोई महिला गर्भवती हो सकती है? इसका जवाब हां है, इस तरह की गर्भवस्था को मेडिकल की भाषा में क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी या गुप्त गर्भवस्था कहते है. इससें महिला को पता नहीं होता कि वह गर्भवती है. कुछ मामलों में, महिला को केवल तभी इसका एहसास होता है जब प्रसव पीड़ा शुरू हो जाती है.
क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी क्या होती है?
अधिकांश महिलाओं को गर्भावस्था के चार से 6 सप्ताह के बीच इसका पता चल जाता है. पीरियड्स मिस होने पर महिला प्रेगनेंसी की जांच करती है और उसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर प्रेगनेंसी कंफर्म हो जाती है. लेकिन क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी में महिलाओं को इस तरह के लक्षण नहीं दिखते हैं. क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी अधिकतर उन महिलाओं में होती है जिनको पीसीओडी या पीसीओएस की बीमारी होती है. चूंकि इन महिलाओं में पीरियड्स समय पर नहीं आते या फिर दो से तीन महीने की देरी से आते हैं तो पीरियड्स मिस होने को यह अपनी समस्या समझकर नजरअंदाज कर देती हैं और पता नहीं होता कि वह गर्भवती हैं.
क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी किसे होती है
जीटीबी हॉस्पिटल में गायनेकोलॉजी विभाग में डॉ. मंजू वर्मा बताती हैं कि जिन महिलाओं ने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया है उनमें इस तरह की प्रेगनेंसी हो जाती है. इसके अलावा पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में भी इसके ज्यादा केस देखे जाते हैं. आंकड़े बताते हैं की 4 हजार में से किसी एक महिला में क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी देखी जाती है. कुछ मामलों में महिलाओं के पीरियड्स लंबे समय तक आते ही नहीं हैं तो उनको लगता है कि ऐसा उनकी पीसीओएस बीमारी के कारण है. चूंकि क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी में महिला का पेट भी नहीं निकलता और उल्टी मतली जैसी परेशानी भी नहीं होती है तो इसका पता नहीं चल पाता है.
क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी में पेट क्यों नहीं निकलता है
ऐसा कमर और पेट के आसपास की हड्डियों के ढांचे के कारण होता है. इसमें बच्चा पेट में आगे की तरफ नहीं बल्कि पीछे की तरफ बढ़ता है, हालांकि इस मामले में अभी काफी रिसर्च की जरूरत है कि ऐसा होता क्यों है. क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी होती क्यों है इसको लेकर भी बहुत ज्यादा डाटा मौजूद नहीं है.