पंचर ट्यूब की तरह नहीं पता करते AC की लीकेज, ये है मैकेनिक के पता करने का तरीका

AC की लीकेज का पता लगाने के लिए मैकेनिक विशेष तरीकों और उपकरणों का उपयोग करते हैं, जो पंचर ट्यूब की लीकेज का पता लगाने से अलग हैं. अगर आप सोचते हैं कि एयर कंडीशनर की लीकेज को टायर पंचर की तरह पता किया जाता है तो आप गलत सोच रहे हैं.
डाई इंजेक्शन विधि
एक विशेष प्रकार का डाई (रंग) AC सिस्टम में इंजेक्ट किया जाता है. यह डाई लीकेज वाली जगह से बाहर निकलता है और अल्ट्रावायलेट (UV) लाइट की मदद से देखा जा सकता है. यह सबसे सामान्य और प्रभावी विधियों में से एक है.
इलेक्ट्रॉनिक लीकेज डिटेक्टर
यह उपकरण हवा में मौजूद रेफ्रिजरेंट गैस का पता लगाता है. जब इसे AC यूनिट के आसपास ले जाया जाता है, तो यह लीकेज की जगह पर आने पर संकेत देता है.
साबुन और पानी विधि
साबुन और पानी का मिश्रण AC के पाइप और कनेक्शनों पर लगाया जाता है. लीकेज होने पर, रेफ्रिजरेंट गैस साबुन के मिश्रण में बुलबुले बनाती है, जिससे लीकेज की जगह का पता चलता है. यह विधि छोटी लीकेज के लिए उपयुक्त है.
नाइट्रोजन प्रेशर टेस्ट
AC सिस्टम को रेफ्रिजरेंट से खाली करके उसमें नाइट्रोजन गैस भरी जाती है. इसके बाद सिस्टम को दबाव में रखा जाता है और फिर दबाव में कमी से लीकेज का पता लगाया जाता है.
यूवी लाइट और स्निफर टूल
UV लाइट का उपयोग करके लीकेज की जांच की जाती है, जो डाई की सहायता से लीकेज को उजागर करता है. स्निफर टूल हवा में गैस के सूक्ष्म अंशों का पता लगाता है और अलार्म बजाकर लीकेज की जगह की सूचना देता है.
फ्लो सेंसर
AC सिस्टम में फ्लो सेंसर लगाए जाते हैं, जो रेफ्रिजरेंट के प्रवाह की निगरानी करते हैं. किसी भी असामान्यता या रुकावट की स्थिति में यह सेंसर अलार्म बजाकर लीकेज की सूचना देता है.
ये सभी विधियां मैकेनिक द्वारा AC सिस्टम की लीकेज का सटीक पता लगाने के लिए उपयोग की जाती हैं, जिससे समय रहते समस्या का समाधान किया जा सकता है और AC को सही तरीके से कार्यरत रखा जा सकता है.

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