पंजाब कांग्रेस में घमासान, राजा वडिंग और देवेंद्र यादव को हटाने की मांग

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ बगावत शुरू हो गयी है. उपचुनाव के नतीजों के बाद ज्यादातर वरिष्ठ नेता, सांसद और विधायक अध्यक्ष और प्रभारी को बदलने की मांग कर रहे हैं. कथित तौर पर दोनों नेताओं के खिलाफ टिकट वितरण से लेकर अनियमितता का आरोप लग रहा है.
आरोप है कि अध्यक्ष और प्रभारी ने हाल ही में उपचुनाव के टिकट वितरण बिना वरिष्ठ नेताओं को कॉन्फिडेंस में लिए बिना किया.
कथित तौर पर प्रदेश अध्यक्ष राजा वडिंग पर आरोप है कि उनके नेतृत्व में पिछले छह महीने से प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कोई काम नहीं हो रहा. पूरी पीसीसी का स्टॉफ गीदड़बा में डेरा डाले हुए था. पूरी सोशल मीडिया और डिजिटल की टीम सिर्फ गीदड़बा में बैठी थी.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर लगे ये आरोप
आरोप है कि पंजाब कांग्रेस को पिछले लोकसभा चुनाव में एआईसीसी की तरफ से जो पैसा मिला था, उसका बड़ा हिस्सा चुनाव लड़ने में खर्च ही नहीं किया गया. वो पैसा अब दिल्ली न्याय यात्रा में भी खर्च होने की बात कही जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक पंजाब कांग्रेस के जो नेता प्रदेश अध्यक्ष राजा वडिंग और प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ हैं, उनका नाम है, राणा केपी, प्रताप सिंह बाजवा, परगट सिंह, चरणजीत सिंह चन्नी, सुखजिंदर सिंह रंधावा, गुरजीत सिंह औजला और सुखपाल सिंह खैरा. इसके अलावा 7 से 8 वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक भी इस मुहिम में शामिल हैं.

उपचुनाव परिणाम के बाद बैकफुट पर कांग्रेस
पंजाब कांग्रेस को गिद्दड़बाहा और डेरा बाबा नानक उपचुनावों में हाल का सामना करना पड़ा है. पंजाब कांग्रेस ने इसके लिए शिरोमणि अकाली दल की अनुपस्थिति को दोष दिया था.
पार्टी ने आरोप लगाया था कि शिरोमणि अकाली दल की अनुपस्थिति में उसके मतदाता आम आदमी पार्टी की ओर चले गए, लेकिन वह यह भूल रही है कि कमजोर SAD ने उसके लिए अभिशाप और वरदान दोनों की भूमिका निभाई है.

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