पर्सनालिटी को बनाना है अट्रैक्टिव तो जरूर ध्यान में रखें ये 5 बातें

‘अट्रैक्टिव पर्सनालिटी’ ये शब्द दिमाग में आते ही लोगों को लगता है कि एक अच्छी हाइट, गठा हुआ फिट शरीर, ब्यूटी और ये काफी हद तक सही भी है, लेकिन पूरी तरह से नहीं. दरअसल पर्सनैलिटी में आपकी हाइट रंग-रूप से भी ज्यादा आपके कपड़े पहनने के तरीके से लेकर चलने, बात करने के तरीके तक कई चीजें शामिल होती हैं. इन चीजों को खुद में डेवलप करके आप अपनी पर्सनालिटी को और भी अट्रैक्टिव बना सकते हैं.
बात अगर पर्सनालिटी निखारने की आए तो आपको अपनी फिटनेस पर तो ध्यान देना ही चाहिए और रोज वर्कआउट करना चाहिए. यह आपके फिजिकली और मेंटली हेल्दी रहने के लिए बेहद जरूरी है. इसी से आप खुद में बाकी के बदलाव भी कर पाएंगे. फिलहाल जान लेते हैं कि पर्सनालिटी को अट्रैक्टिव बनाने के लिए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए.
हाईजीन का रखें खास ध्यान
अपनी पर्सनालिटी को अट्रैक्टिव बनाना है तो हाइजीन का खास ध्यान रखना चाहिए. इसमें आपके खाने से लेकर, नाखून कटे हुए होना और बालों में कंघी करने तक जैसी छोटी-छोटी चीजों को ध्यान में रखना चाहिए. इससे आपक कॉन्फिडेंस भी बूस्ट होता है, जिससे आप और बेहतर तरीके से खुद को रिप्रजेंट कर पाते हैं.
कम्यूनिकेशन स्किल्स बेहतर बनाने पर करें काम
पर्सनालिटी का अहम हिस्सा होता है कि आपके बात करने का तरीका कैसा है. जब आप अपनी बात को स्पष्ट तरीके से लोगों के सामने तर्क के साथ रख पाते हैं तो इससे लोग आपकी तरफ आकर्षित होते हैं. इसमें न सिर्फ आपकी बातें बल्कि चेहरे के एक्सप्रेशन भी मैटर करते हैं. इसके लिए मिरर टॉक करने से लेकर वॉइस प्रैक्टिस (हाई नोट और लो नोट में बात करना) जैसी चीजें कर सकते हैं.
अपनी स्किल्स और जानकारी को बढ़ाएं
जिन लोगों के पास जानकारी होती है लोगों को खुद व खुद उनकी पर्सनालिटी प्रभावित करने लगती है, इसलिए ध्यान देना चाहिए कि आप जिस चीज के बारे में बात कर रहे हैं उसके बारे में आपको पता हो और अगर जिस चीज के बारे में न पता हो उसे दूसरों से सीखने की कोशिश करनी चाहिए. इसके अलावा किताबें पढ़ना, महत्वपूर्ण विषयों से जुड़ी थोड़ी-थोड़ी जानकारी लेना और खासतौर पर अपने काम से जुड़ी नई चीजें सीखना जरूरी होता है.
एटीट्यूड पॉजिटिव रखना सीखें
पॉजिटिव एटीट्यूट अट्रैक्टिव पर्सनैलिटी का एक अहम हिस्सा होता है, इसलिए अपने एटीट्यूड को पॉजिटिव रखना सीखें, ऐसे लोगों से लोग दूर भागते हैं जो हर चीज को लेकर नेगेटिव सोच रखते हो. अगर किसी से बहस भी हो जाए तो अपनी बात तहजीब के साथ दूसरे के सामने रखनी चाहिए.
कब बोलना है और कब नहीं
जैसे की बात पर्सनालिटी की हो रही है तो बात करने के तरीके के अलावा यह भी जरूरी होता है कि आपको पता होना चाहिए कब बोलना है और कब नहीं. बिना बात के भी दूसरों के बीच में बोलना या काम की बजाय बाते करना जैसी चीजें आपकी पर्सनालिटी को दूसरों के सामने कमजोर दिखाती हैं.

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