पहली बार करने जा रहे हैं नौकरी …आपकी तो बल्ले, मिल गई ये गुड न्यूज

क्या आप भी अपनी पढ़ाई पूरी करके पहली नौकरी करने जा रहे हैं? अगर हां तो ये खबर आपके लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है. दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश कर दिया है. इस बजट में पहली बार नौकरी करने वालों की बल्ले-बल्ले हो गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट घोषणाओं में नौकरियों पर खास ध्यान देते हुए कई तरह की योजनाओं का प्रस्ताव रखा.
वित्त मंत्री ने युवाओं को रोजगार के लायक बनाने से लेकर उनके सामने नौकरी के अवसर मुहैया कराने तक, हर तरह की योजनाओं का ऐलान किया है. वहीं, पहली बार जो युवा नौकरी पर जा रहे हैं उनके लिए भी बड़ा ऐलान किया है. आइए जानते हैं वित्त मंत्री ने पहली बार नौकरी पर जाने वालों को बजट में क्या खुशखबरी दी है.
पहली सैलरी देगी सरकार
बजट पेश करते हुए पहली बार नौकरी पर जाने वाले युवाओं के लिए वित्त मंत्री ने खुशखबरी दी है. बजट के ऐलान के तहत कौशल विकास के साथ-साथ युवाओं को इंटर्नशिप और पहली बार नौकरी पाने वालों को एक महीने तक की सैलरी सरकार की तरफ से दी जाने की व्यवस्था की है. इतना ही नहीं, जॉब में जाने वाली महिलाओं के रहने की भी व्यवस्था सरकार करने की तैयारी कर रही है. सरकार वर्किंग महिलाओं के लिए हॉस्टल और क्रेच खोलने की तैयारी कर रही है.
ट्रेनिंग के लिए भी किए इंतजाम
मोदी सरकार ने इस बार युवाओं को बेरोजगारी का सामना नहीं करना पड़े, इस पर बजट में ज्यादा तवज्जो दी है. एक्सपर्ट्स का भी यही मानना है कि मोदी सरकार ने रोजगार संकट को दूर करने की तरफ गंभीर दिखती है जिसका प्रमाण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में मिलता है. शुरुआत सरकार ने युवाओं को एंप्लॉयबल बनाने के प्रयासों से की है. बजट ऐलान करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पांच वर्षों में 20 लाख युवाओं को अलग-अलग सेक्टर में स्किल डेवलपमेंट और ट्रेनिंग दी जाएगी. इसी उद्देश्य के लिए 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को अपग्रेड किया जाएगा और उद्योगों को जो स्किल चाहिए, उनके मुताबिक कोर्स और फ्रेमवर्क तैयार किए जाएंगे.
सस्ता लोन ताकि पढ़ाई में पैसा न बने बाधा
वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार छात्रों को 7.5 लाख रुपये तक लोन देगी जिससे हर साल 25 हजार छात्रों को मदद मिलने की संभावना है. वहीं, जो छात्र देश में ही हाइयर स्टडी करना चाहते हैं, उन्हें 10 लाख रुपये तक का लोन सिर्फ 3% सालाना ब्याज पर दिया जाएगा. यह लोन हर साल एक लाख स्टूडेंट्स को ई-वाउचर के जरिए दिया जाएगा.
1 करोड़ युवाओं को टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप
सरकार ने कहा है कि सरकार पांच साल में 1 करोड़ युवाओं को टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप करवाएगी. इसके लिए सरकार ने खुद और कंपनियों पर अतिरिक्त बोझ डाले बिना इंटर्न को वित्तीय सहायता भी देगी. वित्त मंत्री ने कहा कि योजना के तहत इंटर्नशिप करवाने वाली कंपनियों को अपने सीएसआर फंड से खर्च करना है. उसे अपने 10% सीएसआर फंड का उपयोग इंटर्न के प्रति माह ₹5,000 का भत्ता और एक बार ₹6,000 रुपये की सहायता देने में करना है.
इंटर्नशिप के बाद ऐसे मिलेंगे पैसे
कौशल प्रशिक्षण, पढ़ाई, इंटर्नशिप के बाद भी युवा बेरोजगार नहीं रहे, सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए इंसेंटिव प्लान किया है. अब पहली बार जॉब जॉइन करने वाले युवाओं को एक महीने की सैलरी सरकार भी देगी. वित्त मंत्री ने बजट भाषण में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने को लेकर तीन स्तर पर पहल का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि हर तरह के फॉर्मल सेक्टर में पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को उसके एक महीने के वेतन के बराबर पैसा सरकार की तरफ से भी दिया जाएगा. इसकी शर्तें यह है कि पहली बार नौकरी पाए युवा की मंथली सैलरी एक लाख रुपये तक हो.
3 बार मिलेंगे पैसे
लेकिन सरकार अधिकतम 15 हजार रुपये तक ही तीन किस्तों में देगी. यानी अगर किसी युवा ने पहली नौकरी 10 हजार रुपये प्रति माह की सैलरी पर जॉइन की है तो सरकार उसे 10 हजार रुपये तीन किस्तों में देगी. यानी 15 हजार रुपये महीने तक की नौकरी वाले युवा को 100% एकबारगी अनुदान सरकार की तरफ से भी दिया जाएगा. यह तीन किस्तों में पूरा होगा. सरकार का अनुमान है कि इससे 2.10 करोड़ युवाओं को फायदा होगा.
टेक होम सैलरी होगी ज्यादा
जो युवा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में पहली बार नौकरी पाने वाले हैं, उन्हें और उन्हें नौकरी देने वाली कंपनियों को पीएफ राशि पर छूट दी जाएगी. सरकार ने कहा है कि पहले चार वर्ष में पीएफ में जो पैसे जाएंगे, वो चाहे कंपनी देती हो या एंप्लॉयी, दोनों की तरफ से सरकार ही ईपीएफओ में पैसे जमा करवा देगी. यानी, पहली बार नौकरी पाने वाले की टेक होम सैलरी ज्यादा होगी क्योंकि उनकी सैलरी से पीएफ का पैसा नहीं कटेगा, सरकार अपने फंड से देगी. दूसरी तरफ, कंपनी भी फ्रेशर्स को नौकरी पर रखने के लिए प्रोत्साहित होगी क्योंकि उसे पहले चार वर्ष तक पीएफ का पैसा नहीं देना होगा. हालांकि, सीटीसी पैकेज के दौर में अब पीएफ का पूरा कंट्रिब्यूशन एंप्लॉयी की तरफ से ही जाता है, कंपनियां अपने योगदान को भी सीटीसी में दिखा देती हैं.
इसके अलावा सरकार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अलग हटकर अन्य कंपनियों को सरकार ईपीएफओ कंट्रीब्यूशन के लिए 2 साल तक 3 हजार रुपये प्रति माह रीइंबर्स करेगी. सरकार का मानना है कि इससे 50 लाख नौकरियों के सृजन होने की आशा है.
वर्किंग वीमेन का खास ध्यान
युवाओं के अलावा वर्किंग महिलाओं पर भी सरकार का खासा ध्यान रहा. सरकार नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए जॉब पर जाने वाली महिलाओं की सुरक्षा, उनके रहने और मां बनने पर उनके बच्चों को क्रेच में रखने जैसी कई सुविधा बढ़ाने पर जोर दे रही है. इसी के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया है कि कंपनियों के सहयोग से विमेन हॉस्टल और क्रेच बनाए जाएंगे. इससे महिलाओं को अपने घरों से दूर जाकर नौकरी करने में संकोच नहीं होगा.

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