पहले इस देश ने भारत से किए रिश्ते खराब, अब खुदकी जनता ने ही दे दिया झटका
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को बड़ा झटका लगा है. पिछले कुछ सालों में जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में कनाडा और भारत के रिश्तों में दूरी तो आई ही है, अब कनाडा के लोग भी ट्रूडो से दूरी बनाने लगे हैं. सेंट पॉल में हुए उपचुनाव में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. टोरंटो-सेंट पॉल सीट लंबे समय से लिबरल पार्टी का मजबूत गढ़ मानी जाती थी.
मंगलवार को कंजर्वेटिव उम्मीदवार डॉन स्टीवर्ट ने 42 फीसद वोट हासिल कर सेंट पॉल सीट पर कब्ज़ा कर लिया है. जबकि लिबरल पार्टी के लेस्ली चर्च को करीब 40 फीसद वोट मिले. लेस्ली चर्च पार्लियामेंट हिल के पूर्व कर्मचारी और वकील हैं, साथ ही लिबरल पार्टी से लंबे समय से जुड़े हैं.
Thank you, Toronto-St. Paul’s!
I am beyond humbled for the trust you have put in me and I will never take it for granted. I promise to be YOUR voice on Parliament Hill. pic.twitter.com/S5uxYk7JwP
— Don Stewart (@donstewartTO) June 25, 2024
30 साल में पहली बार हार
टोरंटो-सेंट पॉल सीट पर लिबरल्स का 30 सालों से ज़्यादा से कब्जा था. पार्टी का सबसे बुरा दौर 2011 में आया जब चुनाव में सिर्फ़ 34 लिबरल सांसद ही संसद में पहुंचे थे, इस समय भी ये सीट लिबरल के पास ही रही थी. 2021 के चुनाव में लिबरल पार्टी के उम्मीदवार ने टोरंटो-सेंट पॉल सीट पर 49 फीसद वोट लेकर जीत दर्ज की थी. इस समय लिबरल पार्टी के पास हाउस ऑफ़ कॉमन्स (सदन) की 338 में से 155 सीटें हैं.
ट्रूडो और उनकी सरकार को यह बड़ा झटका अगले साल होने वाले राष्ट्रीय चुनाव से पहले लगा है. लिबरल पार्टी की हार के बावजूद, ट्रूडो ने अगले साल होने वाले चुनावों में लिबरल पार्टी का नेतृत्व करने और जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत करने की कसम खाई है.
पीएम से तत्काल चुनाव कराने की मांग
ट्रूडो के मुख्य प्रतिद्वंद्वी और कंजर्वेटिव नेता पियरे पोलीवर ने नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम ट्रूडो से समय से पहले चुनाव कराने की मांग की है. उन्होंने एक्स पर लिखा, “यह फैसला है: ट्रूडो इस तरह से नहीं चल सकते…उन्हें अब कार्बन टैक्स पर चुनाव कराना चाहिए.”
कंजर्वेटिव पार्टी ने लिबरल पार्टी के खराब इकोनॉमिक रिकार्ड के खिलाफ एक अभियान चलाया है. वहीं पार्टी ने इजरायल-हमास युद्ध पर भी ट्रूडो को घेरा है. कंजर्वेटिव पार्टी ने ट्रूडो प्रशासन पर इजराइल के लिए नरम होने का आरोप लगाया है. जो जिले की लगभग 11 प्रतिशत यहूदी आबादी का समर्थन जीतने की कोशिश कर रहे हैं.