पाकिस्तान का कबूलनामा- अल्पसंख्यकों का रोज किया जा रहा कत्ल, देश उनके लिए सुरक्षित नहीं
पाकिस्तान में लंबे समय से अल्पसंख्यकों के साथ उत्पीड़न, मारपीट और यौन शोषण की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं. उत्पीड़न की वजह से बड़ी संख्या में वहां से अल्पसंख्यक अपने देश को छोड़ने को मजबूर हुए हैं. अब जाकर पाकिस्तान ने यह कबूल किया है कि उसके देश में अल्पसंख्यकों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा. उनका रोज कत्ल किया जा रहा है. पाक के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया कि उनके देश में अल्पसंख्यक समाज के लोग सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने यह भी माना कि हमारे यहां मजहब के नाम पर अल्पसंख्यकों के साथ लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है.
पड़ोसी मुल्क में आए दिन ईश निंदा के नाम पर हिंदू, अहमदिया या ईसाई समुदाय से जुड़े लोगों के साथ मॉब लिंचिंग की खबरें आती हैं. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेनेशनल असेंबली में अपने संबोधन के दौरान यह माना कि हमारे यहां मजहब के नाम पर अल्पसंख्यकों के साथ लगातार उत्पीड़न हो रहा है. यह चिंता की बात है. हालांकि रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में हिंदू धर्म का जिक्र नहीं किया.
हर दिन हो रहा कत्लः रक्षा मंत्री
आसिफ ने कहा, “हर दिन अल्पसंख्यकों का कत्ल किया जा रहा है. इस्लाम की छाया में वे सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे. मैं उनकी चिंताओं को दूर करना चाहता हूं, लेकिन विपक्ष अड़ंगे लगाता है. इन घटनाओं से पाकिस्तान की दुनिया भर में बदनामी हो रही है.”
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि संविधान की ओर से संरक्षण दिए जाने के बाद भी इस्लाम से ही जुड़े छोटे पंथों के अलावा दूसरे मजहबों के लोग भी यहां पर सुरक्षित नहीं महसूस नहीं कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नेशनल असेंबली को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए. ऐसे बहुत से लोग अत्याचार के शिकार हुए हैं, जिनका ईश निंदा से कोई ताल्लुक नहीं था, लेकिन व्यक्तिगत रंजिश के चलते उन लोगों को मार डाला गया.
छोटे मुस्लिम समुदायों का भी अपमानः रक्षा मंत्री
इस्लाम से जुड़े अन्य छोटे-छोटे पंथों से जुड़े लोगों का जिक्र करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा, “यहां तक कि छोटे मुस्लिम समुदायों को भी अपमान झेलना पड़ता है. हम उनकी सुरक्षा के लिए तत्पर हैं.” पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के अनुसार हिंदू, सिख और अन्य अल्पसंख्यकों को जबरन धर्मांतरण, अगवा करने के साथ-साथ हत्याओं और धार्मिक स्थल पर हमलों का सामना करना पड़ रहा है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि किसी एक राज्य में नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में यह समस्या आ रही है. अहमदिया समुदाय के लोगों को सबसे ज्यादा समस्या झेलनी पड़ रही है. उन्हें हेट स्पीच से लेकर हिंसक हमलों तक का सामना करना पड़ता है. देश में उन्हें महज उनके विश्वास के लिए शिकार बनाया जाता है. इसी तरह ईसाई समुदाय के लोगों को भी रोजगार, शिक्षा और ईश निंदा के नाम पर उत्पीड़न झेलना पड़ता है.