पाकिस्तान की तरह हुई बांग्लादेश के हालत, 12 साल के बाद आई ये नौबत

पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता, भुखमरी और महंगाई के चर्चे तो भारत समेत पूरी दुनिया में होते ही रहते हैं. दुनिया को इस बात का भी पता है कि किस तरह से पाकिस्तान के हुक्मरान आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, चीन, अमेरिका, मिडिल ईस्ट के संपन्न देशों के सामने हाथ फैलाए खड़े रहते हैं. लेकिन बांग्लादेश को लेकर दुनिया में इस तरह की छवि बिल्कुल भी ऐसी नहीं रही.
कुछ साल पहले तो भारत के इस पड़ोसी देश की इकोनॉमिक ग्रोथ दुनिया के बड़े देशों तक को मात दे रही थी. लेकिन सरकार के तख्ता पलट के बाद बांग्लादेश के हालात पूरी तरह से बदले हुए दिखाई दे रहे हैं. बांग्लादेश को लेकर अब जो आंकड़ा सामने आया है तो बीते एक दशक से ज्यादा समय से नहीं आया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ऐसा कौन आंकड़ा सामने आ गया है, जिसकी वजह से बांग्लादेश की तुलना कंगाल पाकिस्तान से हो रही है.
12 साल के उच्चतम स्तर पर महंगाई
हाल ही में भारी राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करने वाले बांग्लादेश में खुदरा महंगाई जुलाई के महीने में 12 साल के उच्चस्तर 11.66 फीसदी पर पहुंच गई. स्थानीय समाचारपत्र द ढाका ट्रिब्यून ने बांग्लादेश सांख्यिकी ब्यूरो की तरफ से जारी आंकड़ों के हवाले से कहा कि जुलाई में खाद्य वस्तुओं की महंगाई की वजह से से खुदरा महंगाई 12 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. खुदरा मुद्रास्फीति का पिछला उच्चस्तर मई में 9.94 फीसदी रहा था.
कितना है फूड इंफ्लेशन
पिछले महीने खाद्य महंगाई 14.10 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर रही जबकि नॉन-फूड इंफ्लेशन 9.68 फीसदी रही. इसके पहले जून के महीने में ये दोनों क्रमशः 10.42 फीसदी और 9.15 फीसदी देखने को मिली थीं. जुलाई के महीने में देशव्यापी छात्र आंदोलन की वजह से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई थीं. इस दौरान कई दिनों तक कर्फ्यू लगा और इंटरनेट को भी बंद कर दिया गया था.
बांग्लादेश में तख्तापलट
सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रावधानों के विरोध में उतरे प्रदर्शनकारियों ने बाद में शेख हसीना की अगुवाई वाली सरकार के इस्तीफे की मांग भी शुरू कर दी थी. अगस्त की शुरुआत में यह प्रदर्शन हिंसक हो गया जिसके बाद हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. मौजूदा समय में शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं.
पाकिस्तान में महंगाई दर
खास बात तो ये है कि पाकिस्तान में भी महंगाई दर कम नहीं है. आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में जून के महीने में महंगाई दर 12.6 फीसदी देखने को मिली थी. जुलाई के आंकड़ा अभी पता नहीं लग सका है, लेकिन कुछ दिन पहले स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की ओर से चेतावनी दी गई है कि वित्त वर्ष 2025 में देश में औसत महंगाई दर 11.5 फीसदी रह सकती है. जोकि एनर्जी प्राइस में इजाफे की वजह से 13.5 फीसदी तक पहुंच सकती है.
भारत में खुदरा महंगाई हुई कम
वहीं दूसरी ओर भारत में खुदरा महंगार्द दर जुलाई के महीने में काफी कम हुई है. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश में खुदरा महंगाई दर 3.54 फीसदी देखने को मिली है. जबकि जून के महीने में यह आंकड़ा 5 फीसदी से ज्यादा था. इन आंकड़ों के आने के बाद देश में महंगाई दर 5 साल के लोअर लेवल पर पहुंच गई है. वैसे देश के सेंट्रल बैंक आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई का अनुमान 4.5 फीसदी लगाया है. मुमकिन है कि अक्टूबर की पॉलिसी मीटिंग में आरबीआई अपने अनुमान में संशोधन करे.

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